शिमला : हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायती राज संगठन द्वारा रिज मैदान पर गांधी की प्रतिमा के पास किसानों और बागवानों की समस्याओं को लेकर मुंह पर काली पटिया लगा कर शांति प्रदर्शन किया गया. संगठन के अध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि सेब के बागवानों का पिछले 4 और 5 वर्षो में 80 से 100 करोड़ डूबा है. इसके समाधान के लिए सभी आढ़तियों को लाइसेंस मिलने पर ही व्यापार की अनुमति दी जाए। बागवानों व आढ़तियों को लूट से बचाने के लिए आर्थिक अपराध शाखा का गठन किया जाए।
जिसमें केवल पैसे के लें दें संबंधी काम देखे जाए. वर्तमान में ये काम पुलिस द्वारा देखे जाते है, लेकिन पुलिस के पास प्रशिक्षत अधिकारियों की कमी है. एपीएमसी एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाए व एपीएमसी का सारा बजट बागवानी क्षेत्र के ढांचागत विकास कोल्ड स्टोर, सीए स्टोर, व प्रोसेसिंग प्लांट पर खर्च किया जाए.
हिमाचल प्रदेश की सेब की आर्थिकी लगभग 5000 करोड़ ज्यादा है. सरकार इसको हल्के में ना ले इन समस्याओं के निवारण के लिए सरकार बागवानी संबंधी एक विधयेक लाए ताकि ये सब कानून के दायरे में आ सके ताकि बागवानी के हितों की रक्षा की जा सके.
हिमाचल में 5 से 6 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है. सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 12 से 13 प्रतिशत है इसलिए सरकार इन पर विशेष ध्यान दे अतः राजीव गांधी पंचायती राज संगठन इसके लिए मांग करी है की 4 पंचायतों बीडीसी स्तर पर एक सीए स्टोर खोला जाए व जिला परिषद स्तर फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाए. साथ ही हर पंचायत में 30 लाख लीटर पानी की व्यवस्था बागवानी के उपयोग हेतु की जाए और 2 से 3 पंचायत में बरसात व बर्फबारी में सड़कों को दुरुस्त करने हेतु एक जेसीबी की व्यवस्था की जाए. जिस से प्राकृतिक नुकसान से सड़को को तुरंत दुरुस्त किया जाए. बाजार में शीघ्र आती शीघ्र यूनिवर्सल कार्टन को लाया जाए जिससे बाजार में एक सिद्धांत स्तपित किया जा सके.
यूनिवर्सल कार्टन के आने से खरीद फरोख्त का सिद्धांत भारत सरकार के था. लेखा परीक्षक द्वारा प्रदेश सरकार के पास बागवानों के लिए सही नीति न होना पर प्रश्न चीन लगाना. रिज पर शांति प्रिय प्रदर्शन के साथ संगठन ने राज भवन तक पैदल मार्च कर राज्यपाल को ज्ञापन दिया. जिसमे प्रदेश अध्यक्ष दीपक राठौर मीडिया प्रभारी अनिल गोयल मोहन चौहान मदन शामिल हुए. इसके साथ प्रदेश ऑर्गेनाइज सेक्रेट्री कपिल जय ठाकुर बांष्टु रोहित शामिल रहें.