संजय अवस्थी ने सीमेंट फैक्ट्रियों पर नियमों के खिलाफ़ प्रदूषण के आरोप,सरकार से पूछा कितनी बार कराई वायु गुणवत्ता की जांच

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शिमला: बजट सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और अब इस राजनीतिक अखाड़े में सीमेंट फैक्ट्रियों की एंट्री भी हो गई है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने सोलन के अर्की विधानसभा में  सीमेंट कंपनियों का मामला उठाया और कंपनियों पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाए। अवस्थी ने सरकार के पूछा कि अब तक कितनी बार वायु प्रदूषण का सर्वे करवाया गया है और कितने लोगों को रोजगार दिया गया।

संजय अवस्थी ने कहा कि स्थापित सीमेंट कंपनियां यहां पर उत्पादन करती है और दूसरे राज्यों में सस्ता सीमेंट बेचती है। हिमाचल में महंगा सीमेंट बिकता है।  सीमेंट कंपनियों ने आज तक ग्रामीण क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण क्यों नहीं करवाया। जबकि इन क्षेत्रों में सीमेंट प्लांट लगे हुए हैं। इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के आस पास काफी  प्रदूषण फैला हुआ है जिसे लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए 11 पैरामीटर तैयार किए गए थे जिसमें से किसी का भी पालन यह कंपनियां नहीं कर रही है प्रदूषण की वजह से बीमारियों के शिकार हो रहे हैं उन्होंने कहा कि यहां पर बनने वाला सीमेंट यहां के लोगों को ही महंगा दिया जा रहा है जबकि उनके क्षेत्र का स्त्रोतों का दोहन किया जा रहा है और उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के बावजूद भी लोगों को यहां पर महंगे दामों पर सीमेंट दिया जा रहा है उन्होंने मांग की कि सरकार इन दोनों फैक्ट्रियों के आसपास के क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य  और वायु गुणवत्ता की जांच करें साथ ही अर्की विधानसभा क्षेत्र के लोगों को कम दामों पर सीमेंट मुहैया करवाया जाए।

बात दामों को लेकर हो या इससे होने वाले प्रदूषण को लेकर प्रदेश के भीतर सीमेंट और सीमेंट फैक्ट्रियों को लेकर मुद्दा बना रहा है। ऐसे में अर्की विधायक ने एक बार फिर सदन में सीमेंट फैक्ट्रियों का मुद्दा उठाया है और सरकार पर लापरवाही बरतने जैसे आरोप लगाए हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि साक्री चुनाव वर्ष में सरकार क्या कानूनी रुख अख्तियार करती है।