एसबीआई  बैंक के प्रेजिडेंट निक्सन जोसफ ने ली एपीजी विश्वविद्यालय के छात्रों की क्लास

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। जीवन में सफलता का मूल आधार मजबूत इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच है । जिसने इस मंत्र को आचरण में ढाल लिया वह हर क्षेत्र में सफल होता है और कोविड-19 जैसी चुनौतियों का भी आसानी से मुकाबला कर जीवन में आगे निकल जाता है । कुछ ऐसा ही प्रेरक संदेश वीरवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के तृतीय छात्र-ओरिटीएशन में  सुनने को मिला जब भारतीय स्टेट बैंक के प्रेजिडेंट व मुख्य परिचालन अधिकारी प्रसिद्ध भारतीय बैंकर निक्सन जोसफ ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि व एक प्रेरक शिक्षक के रूप में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिरकत कर छात्रों को कठिन परिस्थितियों में जीवन जीने का पाठ सिखाया।

एपीजी शिमला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने निक्सन जोसफ का परिचय करवाते हुए छात्रों को संबोधित किया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक बड़ा प्रेरक संदेश है कि छात्र बैंकर व मैराथन विजेता निक्सन जोसफ से  आज यह सीखें कि तमाम चुनौतियों के बाबजूद भी जोसफ ने सैंतीस मैराथन पर विजय पाई और कोविड-19 के इस दौर में भी सफल उद्यमी उभर कर लोगों खासकर युवाओं को कठिन परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए प्रेरित करते रहें हैं कि कैसे जीवन में आगे बढ़ें। निक्सन1 जोसफ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनातियाँ जीवन का ही एक भाग है और जिस-किसी को इन चुनौतियों से लड़ना सीख गया वह जीवन में हर क्षेत्र में सफलता को चूमता है। निक्सन ने कहा कि कोविड-19 भी जीवन की एक चुनौती है जिसका मनोयोग, सकारात्मक सोच, दूसरों से सकारात्मक विचार सांझा करना, कड़ी मेहनत और स्पोर्ट्स से आसानी से जीत हासिल की जा सकती हैं पर आपको रुकना नहीं हैं और मंजिल तक का पूरा सफर कर जीवन के हर क्षेत्र में सफलताओं को पाना है और दूसरों को भी प्रेरित करना हैं।

बैंकर निक्सन जोसफ ने छात्रों से अपनी सफलताओं और जीवन के अनुभवों को भी सांझा करते हुए कहा कि वह एक छोटे से बैंक अधिकारी से अपनी मेहनत और सकारात्मक सोच के बल पर एस बीआई के प्रेजिडेंट व सीओओ बनकर लोगों को सोशल-बैंकिंग से जोड़ा और ग्रामीण युवाओं को बैंकिंग के जरिए जोड़कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का मूलमंत्र भी दिया कि किस तरह कोविड-19 जैसी चुनौती में  भी सामाजिक व वितीय सिस्टम को जनहित में मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ उन्नत किया । निक्सन ने छात्रों से आग्रह किया कि वे समुदाय विकास के लिए डिजिटल इनफार्मेशन के द्वारा लोगों को सही दिशा की ओर प्रेरित करने के लिए आगे आएं।

उन्होंने कहा कि वह  एथलीट नहीं थे फिर भी अधेड़ उम्र में एसबीआई की मैराथन दौड़ में भाग लेने का निश्चय कर आगे बढ़ा और आज भी अपने अपार्टमेंट में कोविड के चलते फुल मैराथन को पूरा किया और भारत के पहले ऐसे बैंकर बना। निक्सन ने छात्रों को जीवन की परिस्थितियों से लगातार सीखने को कहा कि आपको कैसे आगे बढ़ना है पर आपके अन्दर जज्ज्बा और सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए।  जोसफ ने कहा कि उन्हें बैंकिंग में उनकी सार्वजनिक उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार और डॉ. कलाम मेमोरियल इग्नाइटेड माइंड अवार्ड से पुरष्कृत किया जा चुका हैं जिसके पीछे कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच थी। निक्सन ने छात्रों को एसबीआई की ‘युथ फ़ॉर इंडिया फेलोशिप’ कार्यक्रम के तहत जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया कि वे ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम करने के लिए भागीदार बन सकतें हैँ जिसके लिए हर साल एक सौ युवाओं का इसके लिए चयन किया जाता है।

कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने बैंकर निक्सन जोसफ का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद किया। इस तृतीय नए-पुराने छात्र ओरिटीएशन कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के शिक्षक, डीन प्रो. कुलदीप कुमार, डीन पत्रकारिता प्रो. रमेश कुमार चौहान, डीन इंजिनीरिंग प्रो. आनंद मोहन, डॉ. अंजलि शर्मा , प्रो. स्तुति पंडित और विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आर.के. कायस्थ भी उपस्थित रहे।