सेब के बागीचों में स्कैब बीमारी ने कई वर्षों के बाद दी दस्तक – कांग्रेस

0
4

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। प्रदेश सरकार बाग़वानी क्षेत्र के प्रति उदासीन और असवेंदनशील रवैया  अपना रही हैं। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, देविन्दर नेगी,रूपिंदर धाल्टा,मदन शक्टान,जितेंद्र मैहता,राकेश चौहान,भोपाल शर्मा ,भूपेश पनेट, योगेश शर्मा,लोकपाल शरकोली,राजेंद्र जनारथा, कमल प्रकाश चेतन चौहान,अनिल चौहान,  इंदु राज, उमेश सुमन, राकेश सावंत,संदीप सेहटा,कपिल ठाकुर, वेद प्रकाश सुन्टा, आनन्द मैहता, जगदीश ख़लगर, हरीश तेजटा,गुलशन दीवान,भूषण रोहटा, कौशल मुंगटा, विक्रांत शर्मा, और राहुल शान्टा  ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि सेब बाहुल्य क्षेत्रों में स्कैब ने कई वर्षो बाद दस्तक दी हैं जिससे 50% सेब के बाग़ीचे स्कैब की चपेट में आ गए हैं। ग़ौरतलब हैं कि बाग़वानी विभाग के पौध सरक्षण केंद्रों में फफूंदनाशक दवाइयो की भारी कमी के चलते मध्यम व ऊंचाई वाले स्थानों में स्कैब ने सबसे अधिक कहर बरपाया हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहले ही कोरोना और औलावृष्टि ने बाग़वानो की आर्थिकी पर गहरी चोट पहुँचाई हैं ऐसे में प्रदेश सरकार ने स्कैबग्रस्त सेब न ख़रीदने का फ़रमान ज़ारी कर बागवानों के ज़ख्मो पर नमक छिड़कने का काम किया हैं। उन्होंने बागवानों को राहत देने के लिए स्कैब से ग्रस्त सेब मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीद कर मंडी न भेजकर उसे उचित स्थान में नष्ट करने की मांग की हैं।

ग़ौरतलब हैं कि इससे पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी  स्कैबग्रस्त सेब मंडी मध्यस्थता योजना के तहत ख़रीद कर बागवानों को राहत दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संस्थागत क्वारन्टीन केंद्र का अभाव व असुविधा के चलते जिन बागवानों  के पास  श्रमिकों को रखने के लिए उचित सुविधा उपलब्ध हैं उन्हें सरकार एहतिहात के साथ श्रमिकों को होम क्वारन्टीन करने की अनुमति दें। उन्होंने सेब बाहुलीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में कोरोना टेस्टिंग किट उपलब्ध करवाने की मांग भी की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला शिमला के साथ  सौतेला व्यवहार कर रही हैं जिसकी पुष्टि स्वयं भाजपा विधायक नरेन्दर बरागटा  सेब सीज़न में सरकार की नाकामियों , कुप्रबंधन के चलते क्षेत्र को लावारिस होने के मीडिया में दिए गए बयानों में स्पष्ट कर चुके हैं।  उन्होंने प्रदेश सरकार से  स्कैब के कहर से ख़राब हुए सेब को मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदने की पुनः मांग की हैं।