शिमला : शहर में कारोबारियों के लिए बन रहा आजीविका भवन आवंटन से पहले ही विवादों में आ खड़ा हुआ है, कारण आवंटन लीस्ट में ऐसे लोगों के नाम भी शामिल होना जो मौजूदा समय में जीवित नहीं है. यह मामला तब संज्ञान में आया जब कुछ लोगों ने नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली के समक्ष इस मुद्दे को उठाया. म्क़मल संज्ञान में आने के बाद जब सूची देखी गई तो पता चला की लिस्ट में कम से कम 21 लोग ऐसे हैं जो जीवित नहीं है और उनका नाम दुकानों के आवंटन में है, बल्कि यहीं नहीं एक ही परिवार से तीन से चार लोगों को दुकानों के आवंटन की तैयारी चल रही है.
इस मामले के सामने आने के बाद निगम आयुक्त ने अधिकारियों को पूरा रिकार्ड जांचने का आदेश दिया है. मामला सामने आने पर जो तर्क सामने से आ रहें है वो ये है कि तहबाजारी लाइसेंस किसी अन्य के नाम पर रजिस्टर्ड था, अब उनकी अगली पीढि़यों के नाम पर तबादला नहीं करवाया गया है, जिस कारण यह दिक्कत आ रही है. इस पर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने कहा पूर्ण रूप से जांच रिपोर्ट के आदेश दिए गए है.
आजीविका भवन में 224 दुकानों का होना है आवंटन
मामला संज्ञान में आते ही अधिकारीयों पर मृतक लोगों के नाम पर दुकानों का आवंटन करना कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है. शिमला में लिफ्ट के पास बन रहा आजीविका भवन तीन महीने के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. अभी खिड़की व दरवाजे लगाने के बाद रंग-रोगन कर फिनिशिंग का काम बाकि रहे गया है. आजीविका भवन में करीब 224 दुकानों का खोला जाना तय हुआ है. नगर निगम ने पहले 31 मार्च तक आजीविका भवन को तैयार कर तहबाजारियों को दुकानें अलाट करने की योजना बनाई थी, लेकिन तय सीमा पर काम नहीं हो पाया है. ऐसे में इसे अगले तीन माह में तैयार कर इसे आवंटन करना है.
बताया जा रहा है आजीविका भवन में तिब्बती मार्केट को शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा तहबाजारियों को भी यहां दुकानें दी जाएंगी. यही नहीं भवन निर्माण होने से शिमला शहर की जनता को पार्किग की सुविधा भी मिलेगी. इसमें वाहनों के लिए पार्किग, लिफ्ट सुविधा, प्रत्येक फ्लोर में शौचालय, पेयजल सुविधा और सौर ऊर्जा का प्रविधान किया गया है. बता दें की लंबे समय से यह प्रोजेक्ट लटका हुआ था, अब इसके पूरा होने की उम्मीद है.