आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सचिव अलका तिवारी ने जिला किन्नौर के सांगला स्थित विश्राम गृह में स्थानीय लोगों से सवांद स्थापित कर जनजातीय क्षेत्रों की समस्याओं को जाना। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सचिव अलका तिवारी 17 से 19 अप्रैल तक किन्नौर जिला के प्रवास पर हैं।
अलका तिवारी ने सांगला में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय लोगों की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाना है ताकि उनकी समस्याओं के निवारण के प्रति हर सम्भव प्रयास किए जा सकें। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय से सबंधित लोग अपनी समस्याओं को लिखित या आॅनलाईन माध्यम से आयोग तक पहुँचा सकते हैं।
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अलका तिवारी ने इस अवसर पर शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य समस्याओं के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी प्रापत की। इस अवसर पर संागला की 11 पंचायतों के जन-प्रतिनिधियों व परियोजना प्रभावित क्षेत्रों से आए लोगों ने अपनी समस्याओं से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सचिव अलका तिवारी को अवगत करवाया। उन्होंने प्रभावित परिवारों की समस्याओं का शीघ्र निवारण करने का आश्वासन लोगों को दिया।
इस दौरान ग्राम पंचायत कामरू की महिलाओं द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
इससे पूर्व सचिव, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अलका तिवारी ने जिला के सीमावर्ती गांव छितकुल का दौरा कर नागस्ति में आई.टी.बी.पी के जवानों से वार्तालाप कर उनका मनोबल बढ़ाया।
इस अवसर पर राज्य चुनाव आयोग झारखंड के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार तिवारी, उपनिदेशक एनसीएसटी एस.पी मीणा, अन्वेक्षण अधिकारी एनसीएसटी आर.एस मिश्रा, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता, डीएसपी भावानगर नरेश शर्मा, तहसीलदार सांगला अभिषेक चैहान, विभिन्न पंचायतों से आए जनप्रतिनिधि व अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।