
किसानों का आरोप, परियोजना निर्माता प्रभावितों एवं विस्थापितों की मांगों व समस्याओं को सुलझाने में है नाकाम
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल एवं केंद्र सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन की 210 मेगावाट की निर्माणाधीन लुहारी जल विद्युत परियोजना के खिलाफ आज प्रभावित 7 पंचायतों के लोगों ने परियोजना मुख्यालय बिथल में धरना प्रदर्शन किया। हिमाचल किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व ठियोग के माकपा विधायक राकेश सिंघा कर रहे थे। प्रदर्शनकारियो और परियोजना प्रबंधको के मध्य कोई समझौता न होते ही किसानो ने परियोजना मुख्यालय के बाहर आज से अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन
आरम्भ कर दिया है। उन्होंने बताया यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन से पुख्ता समझौता नहीं होता।
राकेश सिंघा व् प्रभावितो ने आरोप लगाया कि उन की समस्याओ और मांगों को पूर्ण करने में परियोजना निर्माता असफल हुए है। परियोजना निर्माता किसानो से छलकपट कर भूमि हथियाने का प्रयास कर रहे है। परियोजना प्रभावित क्षेत्र के लोगो को न तो
परियोजना में नौकरी दी जा रही है और न ही फसलों की नुकसानी का मुआवजा। भूमि अधिग्रण मामला भी उलझा दिया है। परियोजना निर्माता लोगो को वाजिब मुआवजा और लाभ पहुंचाने की बजाय आपस में छलकपट से लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं।
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ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बताया एसजेवीएन लुहरी परियोजना का निर्माण कर रही है। लम्बे समय से परियोजना निर्माता किसानो से ठगी कर रहे है। जो भूमि अधिग्रण होना चाहिए था उस अधिग्रहण न कर लीज पर भूमि लेने के प्रयास हो रहे है , इस से किसानो की भूमि बर्बाद हो जाएगी। प्रभावित लोगो को परियोजना में नौकरी नहीं दी जा रही है। ठेकेदारों के माध्यम से ठगी शुरू हुई है। वे किसान मज़दूरों को ठगी का शिकार होने नहीं दें , अब आंदोलन शुरू हो गया है।
जिला परिषद सदस्य पूर्ण ठाकुर ने बताया कि इस लुहरी परियोजना से सात पंचायते प्रभावित होगी। एसजीवीएन लोगो को ठगने का काम कर रहा है। जो भूमि अधिग्रहण होना था वो भी नहीं हुआ। प्रभावितों को नौकरी भी नहीं दी जा रही है। परियोजना मुख्यालय जाने पर प्रभावितो से व्यवहार भी सही नहीं होता है। अब आंदोलन शुरू हुआ है यह जब तक मांगे पूरी नहीं होती जारी रहेगा। मलु राम ने बताया की उन की पांच बीघा भूमि परियोजना निर्माण में ली जा रही है। उन से घर आ कर परियोजना निर्माताओं ने कागजो में हस्ताक्षर करवाए। उन्हें झांसा दिया गया। अब उन्हें कागज जिन पर दस्खत लिए गए है वो नहीं दिखाए जा रहे है।