एसएफआई ने कॉलेज प्रशासन की तानाशाही, पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के विरोध में किया कोट्शेरा का घेराव 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। एसएफआई द्वारा राजीव गांधी महाविद्यालय कोट्शेरा में एसएफआई के छात्र नेताओं के अवैध निष्कासन और कॉलेज प्रशासन की तानाशाही, पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के विरोध में महाविद्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया गया। एसएफआई शिमला जिला कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से छात्र नेताओं के निष्कासन व जनवादी अधिकारों पर लागतार हमलों के खिलाफ प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी। एसएफआई शिमला जिला कमेटी ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है की पिछले एक महीने से शिमला शहर के अलग अलग महाविद्यालयों में प्रशासन और सरकार द्वारा कैंपस डेमोक्रेसी और छात्रों के जनवादी अधिकारों पर हमले किए जा रहे हैं।

 

एसएफआई शिमला जिला अध्यक्ष अखिल और सचिव कमल शर्मा ने बताया कि बीते एक माह से जो माहौल शिमला शहर के अंदर देखा जा रहा है , इस से यह साफ होता है कि प्रशासन और सरकार छात्र राजनीति को खत्म करने पर उतारू है।इसका कारण यह है कि एसएफआई लगातार सरकार की छात्र विरोधी नीतियों का विरोध कर के पर्दाफाश कर रही है , जिसके चलते अन्य सरकार की चाटुकारीता करने वाले संगठन के माध्यम से एसएफआई पर हमले करवाए जा रहे है और उन्ही छात्रों को कॉलेज से निष्काशित किया जाता है जिन छात्रों पर हमला किया गया है। जिसे सरकार और प्रशासन की मंशा साफ दिखती है की किस तरह से किसी विशेष संगठन के छात्र नेताओ को सुनियोजित तरीके से बिना किसी कारण से कॉलेज से निष्काशित किया गया जाता है । वहीं दूसरी तरफ जब छात्र जब अपने निष्कासन को लेकर कॉलेज प्रशासन से सवाल करते है तो प्रशासन जवाब देने में नाकामयाब है ।

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कोटशेरा कॉलेज में लिंग्दो कमेटी का हवाला देकर परिसर से किसी भी तरह की गतिविधि पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है  एसएफआई जिला सचिव कमल शर्मा ने कहा कि इस बात से सभी लोग अवगत है कि लिंग्डो कमेटी छात्र संघ चुनाव के दौरान सक्रिय हो सकती है लेकिन हिमाचल में पिछले दस वर्षों से कोई चुनाव नहीं हुए हैं और सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार छात्र संघ चुनाव अधिकतम पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित रह सकते है लेकिन यहां तो एक दशक होने पर भी सरकार मौन व्रत धारण किए बैठी है । ज़िला अध्यक्ष अखिल का कहना है कि प्रशासन और सरकार खुद को देश के संविधान से उपर रख कर तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।हम सभी लोग जानते है कि संगठन बनाना , शांतिपूर्ण तरीके से इक्कठे होना प्रदर्शन करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है।

लंबे समय से भाजपा और कांग्रेस के चाटुकार छात्र संगठन एसएफआई के आंदोलन को कुचलने के लिए हमले कर रहे है। कोटशेरा में एसएफआई के कार्यकताओं पर एबीवीपी और एनएसयूआई द्वारा तेज धार हथियार से जानलेवा हमला किया गया लेकिन कॉलेज प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही कर के एसएफआई के छात्र नेताओं को कॉलेज से निष्कासित कर दिया।यह पहली बार नहीं है हमेशा से सरकारी दबाव के कारण कॉलेज प्रशासन ऐसे पक्षपात पूर्ण निर्णय लेता रहा है और अन्य सरकारी संगठन को शह देने का काम करता रहा है।

एसएफआई प्रशासन से यह मांग करती है की इस तानाशाही को छोड़कर सही तरीके से कार्य करें और निष्कासित छात्रों को जल्द से जल्द वापिस लिया जाए और छात्रों के जनवादी अधिकारों को उन्हे वापस दिया जाए । एसएफआई जिला कमेटी मांग करती है कि अगर उपरोक्त मांगो को पूरा नहीं किया गया तो एसएफआई पूरे छात्र समुदाय को लामबंद कर उग्र आंदोलन करने से जरा भी नहीं कतराएगी और संवैधानिक अधिकार का हनन होने के खिलाफ न्यायपालिका के पास जाने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे । इसलिए सरकार और कोटशेरा कॉलेज प्रशासन छात्रों के निलंबन को जल्द वापस ले ।