आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। विश्वविद्यालय एस एफ आई इकाई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के खिलाफ और वि• वि• में फर्जी प्रोफसर भर्तीयों के खिलाफ प्रेस विज्ञप्ति जारी की। एसएफआई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि केंद्र कि भाजपा सरकार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को तैयार कर के बिना किसी चर्चा किये हुए देश के अंदर लागू करने का काम किया है।
एस एफ आई इस नई शिक्षा नीति का विरोध करती है एस एफ आई का मानना है कि यह शिक्षा नीति सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करते हुए निजीकरण को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आज हिमाचल प्रदेश के अंदर वर्तमान में कांग्रेस सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है। और केबिनेट में फैसला लेकर 15 से 20 किलोमीटर के स्कूलो को बंद करने का फैसला लिया है। जिस कारण आने वाले समय में मॉडल स्कूलो को बनाया जायेगा जो को बढ़ावा देगा कारण आने वाले समय के अंदर प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दिया जाएगा और इससे अधिक आर्थिक दबाव छात्रों के ऊपर पड़ेगा। आज यह शिक्षा नीति प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालय के अंदर भी शिक्षा के स्तर को लगातार की गिरने का काम कर रही है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा की पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा और विश्वविद्यालय के अंदर पूर्व कुलपति सिकंदर कुमार के द्वारा कोविड काल में 2020 में फर्जी प्रोफेसर भर्तिया करवाई गयी और बड़े स्तर पर धाँधलिया की परंतु अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा छात्रों से किया था इन भर्तियों के खिलाफ जांच की जाएगी परंतु कांग्रेस की सरकार इन पर कोई जांच नहीं कर पाई है एस एफ आई मांग करती है कि इन भर्तियों की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
एस एफ आई मांग कर रही है की विश्वविद्यालय में जो धांधलिया हुई है उसक ी जाँच की जाए। जब एस एफ आई प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ और इन धांधलियों के खिलाफ लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने का काम कर रही थी तो सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया विद्यालय से 12 छात्रों को बिना किसी कारण से निष्कासित किया गया।
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मुख्य मांगे:-
1) विश्वविद्यालय में जल्द से जल्द स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाए।
2) विश्वविद्यालय में हुई प्रोफेसर भर्तीयों के अंदर धांधलियों के खिलाफ प्रदेश सरकार जांच करें।
3) विश्वविद्यालय में Ph.D के अंदर प्रोफेसर सिकंदर कुमार के द्वारा करवाए गए अवैध प्रवेश को रद्द करो।
4) विश्वविद्यालय के अंदर नॉन टीचिंग स्टाफ की रेगुलर भर्तिया जल्दी करवाई जाए।
5) विश्वविद्यालय में पिछली सरकार के द्वारा गलत तरीके से आउटसोर्स पर करवाई गयी भर्तियों की जांच की जाए।
6) हिमाचल प्रदेश के अंदर लागू की गई नई शिक्षा नीति को वापस किया जाए।
7) विद्यालय की लाइब्रेरी के जनरल सेक्शन को 24 घंटे खुला रखा जाए।
8) विश्वविद्यालय अनुशासनात्मक कमेटी द्वारा अवैध तरीके से किया गया एसएफआई के 12 छात्र नेताओं का निष्कासन वापस लिया जाए।
इसके साथ एस एफ आई यह मांग कर रही है की 12 छात्रों का निष्कासन वापस लिया जाए। एसएफआई इस निष्कासन का विरोध करती है और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि वह 12 लोगों का निष्कासन वापस ले।
एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन मांगों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन कारवाई नहीं करता है तो आने वाले समय के अंदर मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन तैयार करेगी और प्रदेश सरकार के खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ-साथ एसएफआई मांग करती है कि जो एसएफआई के 12 छात्र नेताओं को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निष्कासित किया हैं अगर उनका निष्कासन जल्द वापस नहीं किया गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के अंदर भी लगातार आंदोलन किया जाएगा