एसएफआई ने वीसी को सौंपा ज्ञापन, छात्र संघ चुनाव और आरक्षण की मांग

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। छात्र संघ संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई, ने विश्वविद्यालय के कुलपति को छात्रों की समस्याओं और मांगे लेकर ज्ञापन सौंपा। एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर सचिव कॉमरेड मुकेश ने बताया कि 2013 से हिमाचल प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बंद हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव न होने के कारण छात्रों का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता और उनकी समस्याएं प्रशासन तक सही तरीके से नहीं पहुँचतीं। एसएफआई की मांग है कि छात्र संघ चुनाव जल्द से जल्द बहाल किए जाएं ताकि छात्र राजनीति को मजबूत किया जा सके। कॉमरेड मुकेश ने 2019 में संविधान के 103वें संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा में 10% आरक्षण मिलने के बावजूद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इसे लागू न किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की और उन्होंने कहा, “यह संविधान का उल्लंघन है, उच्च शिक्षा में EWS छात्रों को उनका आरक्षण दिया जाए।

इस दौरान छात्रावास की समस्या पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में लगभग 4,000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, जबकि केवल 1,200 छात्र-छात्राओं को ही हॉस्टल सुविधा मिल पाती है। उन्होंने नए छात्रावासों के निर्माण की तत्काल आवश्यकता बताई, कॉमरेड मुकेश ने गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती में देरी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि 2019 और 2021 में विज्ञापन जारी होने के बावजूद भर्ती नहीं हुई। आरटीआई के अनुसार, विश्वविद्यालय ने छात्रों से लगभग 4.50 करोड़ रुपए वसूले, एसएफआई ने जल्द से जल्द गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती करने की मांग की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा केवल FIR के आधार पर छात्रों को हॉस्टल से वंचित करने की नीति की भी निंदा की। “सिर्फ आरोपों के आधार पर छात्रों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना अन्याय और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है। हम मांग करते हैं कि प्रभावित छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा तुरंत बहाल की जाए। अंत में मुकेश ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं करता है, तो एसएफआई छात्रों को संगठित कर प्रशासन के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी करेगी।