शिमला कमला नेहरू हॉस्पिटल से लगा खलीनी तक जाम,

0
4

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला कमला नेहरू हॉस्पिटल से लगा खलीनी तक ट्रैफिक जाम, राजधानी शिमला शहर में जाम लगना आम बात हो चुकी है।

इस जाम से कर्मचारी स्कूल-कालेज के छात्र परेशान हैं। यह हालात हो चुकी है कि शिमला में सामान्य तौर पर रोजाना सुबह-शाम 1 घंटे तक ट्रैफिक जाम लगता है
जिसकी अधिकतम 90 मिनट भी रहती है।

हर एक सेकंड में वाहन आते-जाते हैं। दोपहर में शहर की सड़कों पर दस सेकंड में वाहन गुजरता है। सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर दस बजे तक वाहन सड़कों पर दौड़ने के बजाय रेंगते हैं, इसी तरह की स्थिति शाम को पांच बजे के बाद सात बजे तक रहती है।

सप्ताह के पहले दिन शहर में हिमाचल नंबर के 35 हजार वाहन प्रवेश करते हैं। ये वाहन राज्य के निचले क्षेत्रों के अलावा कालका-शिमला मार्ग से और मंडी व शिमला जिला के क्षेत्रों से शहर में प्रवेश करते हैं। सप्ताह के अंतिम तीन दिनों के दौरान, शिमला शहर में बढ़ने से रोजाना पांच हजार से लेकर सात हजार वाहन सड़कों में रोजाना वाहनों की संख्या के साथ जुड़ जाते हैं।

एक दशक पहले शिमला जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने शहर की सड़कों पर ट्रैफिक ड्यूटी देने वाले पुलिस कर्मियों से एक अध्ययन करवाया था। उस अध्ययन के मुताबिक तब शहर में हिमाचल नंबर के वाहनों की संख्या 65 हजार थी।

उसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या अधिकतम दस हजार थी। ट्रैफिक जाम का समाधान ये दिया गया था ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान निकाल सके।