शिमला: अगली कैबिनेट में स्थाई नीति की मांग के साथ एसएमसी अध्यापकों ने खत्म किया अपना क्रमिक अनशन

 स्थाई नीति न बनाने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी, भाजपा के खिलाफ वोट देने की कही बात

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एसएमसी एसोसिएसन के अध्यक्ष मनोज रोंगटा मीडिया से बात करते हुए
एसएमसी एसोसिएसन के अध्यक्ष मनोज रोंगटा मीडिया से बात करते हुए
शिमला से कशिश गुप्ता की रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षको ने अपना क्रमिक अनशन खत्म कर दिया है। एसएमसी शिक्षक एसोसिएशन ने शनिवार को शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर 25 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर बैठे थे। एसोसिएशन ने आगामी 15 सितंबर को होने वाली कैबिनट बैठक में स्थाई नीति बनाने की माग रखी है और यदि कैबिनेट बैठक में स्थाई नीति पर कोई चर्चा नही होती है तो महासंघ ने आगामी रणनीति तैयार कर उग्र आंदोलन शुरू करने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ  वोट करने का एलान भी कर दिया है।
 एसएमसी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज रोंगटा  ने कहा कि पिछले दस सालों से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रो में एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे है लेकिन सरकार उनके लिए कोई भी नीति नही बना रही है।  25 जुलाई को प्रदेश दर के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर राज्य सचिवालय भी पहुचे थे और मुख्यमंत्री ने स्वयं मंत्रिमंडल की बैठक से उठकर  उनकी मांगों को सुना और उन्हें आश्वासन दिया.लेकिन वो आश्वासन अभी तक धरातल पर नहीं उतरा और पिछली मंत्रिमंडल की बैठक उनका एजेंडा नहीं लाया गया।जिसके चलते शिक्षको को मजबूरन 25 घण्टे की सांकेतिक क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा और आज अनशन खत्म कर दिया है उम्मीद है की सरकार जल्द शिक्षको के लिए स्थाई नीति बनाएगी ओर यदि नीति नही बनाई जाती है तो एसोसिएशन रणनीति तैयार कर सरकार के खिलाफ मोर्चो खोलेगी।