आदर्श हिमाचल ब्यूरों
सोलन। शूलिनी विश्वविद्यालय में भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर इंजीनियरिंग दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस आधुनिक भारत के इंजीनियरिंग क्षेत्र की आधारशिला रखने वाले विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस समारोह के दौरान बांधों, सिंचाई प्रणालियों और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं में उनके ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला गया और वक्ताओं ने कहा कि उनका कार्य आज भी देश के बुनियादी ढांचे की रीढ़ है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
इस अवसर पर शूलिनी विश्वविद्यालय के नवाचार और विपणन निदेशक प्रोफेसर आशीष खोसला ने कहा कि इंजीनियरिंग दिवस न केवल विश्वेश्वरैया के अद्वितीय योगदान की याद दिलाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार इंजीनियर नवाचार, रचनात्मकता और समस्या समाधान के माध्यम से समाज को एक बेहतर दिशा दे सकते हैं, उन्होंने कहा कि इंजीनियरों की भूमिका राष्ट्र निर्माण और तकनीकी प्रगति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्यों और छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और महान अभियंता की दूरदर्शिता व समर्पण को नमन किया।