शूलिनी यूनिवर्सिटी ने वर्धमान के साथ इंडस्ट्री-एकेडमिया सहभागिता की

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शूलिनी यूनिवर्सिटी ने वर्धमान के साथ इंडस्ट्री-एकेडमिया सहभागिता की

वर्धमान ने नैनो टेक्नोलॉजी में अनुसंधान के लिए 3 करोड़ रुपये का योगदान दिया

सोलन: इंडस्ट्री-एकेडमिया सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए, शूलिनी यूनिवर्सिटी ने भारत की प्रमुख टेक्सटाइल कंपनी वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड (वीटीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें वर्धमान ने नैनो टेक्नोलॉजी में अनुसंधान के लिए यूनिवर्सिटी को 3 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। यूनिवर्सिटी में स्थित अत्याधुनिक प्रयोगशाला में नैनो-सामग्री और नैनो तकनीकों का उपयोग करके, शूलिनी यूनिवर्सिटी का उद्देश्य पर्यावरणीय डीटॉक्सीफिकेशन, क्लीन एनर्जी उत्पादन और कचना प्रबंधन और उसको उपयोग में लाने के लिए काम करना है।

शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो.पीके खोसला और वर्धमान टेक्सटाइल्स के डायरेक्टर और सीएसआर के चेयरमैन प्रफुल्ल अनुभाई पटेल ने वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन और एमडी श्री एस पी ओसवाल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

प्रो.खोसला ने कहा कि ‘‘उद्योग-अकादमिक साझेदारी सामाजिक लाभ के लिए अनुसंधान के बेहतर उपयोग के लिए सही कदम है। वर्धमान इस प्रयोगशाला को शूलिनी यूनिवर्सिटी में स्थापित करने के लिए जो सहयोग दे रहे हैं, वह इस दिशा में रिसर्च को प्रोत्साहित करने में काफी मददगार साबित होगा। लैब का नाम एसपी ओसवाल के पिता के नाम पर रखा गया है-रतन चंद ओसवाल हिमालयन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन नैनोटेक्नोलॉजी-इस संयुक्त साझेदारी के बीज को अंकुरित करने में मदद करेगा।’’

वर्धमान के प्रफुल्ल अनुभाई पटेल ने कहा कि समूह समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को अनिवार्य मानता है। उन्होंने कहा कि ‘‘सस्टेनेबल विकास के साथ हमारे लक्ष्य के रूप में, हम इसे वापस देने में सक्षम होने के लिए एक विशेषाधिकार पाते हैं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में, हम स्वेच्छा से सामाजिक कारणों में योगदान करते हैं और उन समुदायों के विकास में भाग लेते हैं जो हमारी मेजबानी करते हैं।’’

 

समझौता ज्ञापन के अनुसार, वर्धमान ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (टीईएम)/ फील्ड एमिशन स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एफई-एसईएम) उपकरण प्रदान करेंगे। नई प्रयोगशाला यूनिवर्सिटी को यूजी / पीजी / डॉक्टरेट कार्यक्रमों सहित स्टूडेंट्स के स्किल-सेट को एडवांस्ड करने में मदद करने में सहायक होगी और कैंसर बॉयोलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी, फूड टेक्नोलॉजी, फोटो-कैटलिसिस, वाटर प्योरीफिकेशन आदि कई विषयों पर काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस मौके पर फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की प्रेसिडेंट श्रीमती सरोज खोसला, शूलिनी यूनिवर्सिटी की ट्रस्टी श्रीमती निष्ठा शुक्ला आनंद और वर्धमान के डायरेक्टर दिनेश के सिंधवानी भी उपस्थित थे।