सोलन: शैक्षणिक जानकारी, सामग्री और अनुसंधान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए एचपी यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, अवा लॉज कैंपस (एचपीयूआईएलएस) के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू), शिमला के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.
एमओयू पर आज शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अतुल खोसला और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार द्वारा हस्ताक्षर किए गए.
प्रो खोसला ने कहा कि वह इस नई साझेदारी को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अकादमिक प्रकाशन और विद्वानों की जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता संगोष्ठियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं जैसे संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देगा.
दोनों संस्थान अकादमिक सूचनाओं और सामग्रियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए और अकादमिक गतिविधियों के लिए दोनों संस्थानों के शिक्षकों, संकाय सदस्यों द्वारा दौरे को प्रोत्साहित करने के लिए पारस्परिक आधार पर बीएलएलबी, एलएलएम और पीएचडी के छात्रों को पुस्तकालय परामर्श के भी अनुमति देते है और अनुसंधान मार्गदर्शन के लिए भी प्रेरित करता है.
एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए, प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने कहा कि यह छात्रों के लिए अनुसंधान के क्षेत्र और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का पता लगाने का एक शानदार अवसर होगा. उन्होंने आगे कहा कि विनिमय कार्यक्रमों की स्थापना द्वारा दोनों संस्थानों में अनुसंधान और शैक्षिक प्रक्रियाओं को संकाय, विद्वानों और छात्रों के बीच आपसी समझ के साथ बढ़ाया जाएगा.
एमओयू में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में प्रो संजय सिंधु निदेशक, यूआईएलएस, अवा लॉज कैंपस, एचपीयू, विश्वविद्यालय, डॉ गीतांजलि थापर सहायक प्रोफेसर,रितिका राणा सहायक प्रोफेसर यूआईएलएस से और और प्रोफेसर नंदन शर्मा हेड, स्कूल ऑफ लॉ शूलिनी, डॉ स्वाति सोनी सहायक प्रोफेसर और डॉ रेणु पाल सूद एसोसिएट प्रोफेसर शुलिनी विश्वविद्यालय से उपस्थित थे.
स्कूल ऑफ लॉ शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रमुख प्रोफेसर नंदन शर्मा ने कहा, इस समझौते से छात्रों को सरकारी विश्वविद्यालय में भी अनुसंधान के क्षेत्रों का पता लगाने का अवसर मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि इस सहयोग से बड़ी सफलता मिलेगी.