आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला| मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज चिकित्सा शिक्षा विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार आगामी एक वर्ष के भीतर हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में उल्लेखनीय सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है ताकि इलाज के लिए उन्हें राज्य से बाहर न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार मेडिकल कॉलेजों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित कर रही है और अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान, चमियाना और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है, और यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी शुरू की जाएगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में कर्मचारियों, अत्याधुनिक उपकरणों और मशीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीकी कर्मियों की कमी को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों में साफ सफाई सुनिश्चित करने और लापरवाही पाए जाने पर उत्तरदायित्व तय करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमियाना, हमीरपुर और चंबा मेडिकल कॉलेजों में 25-25 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्वचालित प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। चंबा मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण इस वर्ष अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं और साथ ही शैक्षणिक ब्लॉक के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई है। मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए छात्रावास भी बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि नाहन, हमीरपुर, कुल्लू और चंबा में नए नर्सिंग कॉलेज अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू किए जाएंगे और सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर रोगी और नर्स रोगी अनुपात अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुनिश्चित किया जाएगा। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी मेडिकल कॉलेजों से ओपीडी और आईपीडी से जुड़ा डेटा भी मांगा और इस बैठक में सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव अश्विनी शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं गोपाल बेरी सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।