आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में सामाजिक रूप से जिम्मेदार संगठन होने की प्रतिबद्धता के साथ, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नंद लाल शर्मा ने कारपोरेट मुख्यालय, शिमला में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से सभी कर्मचारियों को कोविड-19 शपथ दिलाई। इस अवसर पर नंद लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन में प्रत्येक कर्मचारी अभियान के मुख्य संदेश-‘मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों को स्वच्छ बनाए रखने’ के प्रति सर्तक रहने और इनका अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सभी कर्मचारियों से सामुहिक रूप से कोविड समुचित व्यवहार का अनुपालन करने के लिए अपने आस-पास के अन्य व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य करने का आग्रह किया। इस अवसर पर निदेशक (सिविल), श्री एस.पी.बंसल, निदेशक(वित्त), श्री ए.के.सिंह तथा निदेशक(विद्युत) श्री सुशील शर्मा निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित उपस्थित थे। शर्मा ने अवगत कराया कि कोरोना चुनौती का मुकाबला करने के लिए, एसजेवीएन ने भी पीएम केयर्स फण्ड में 25 करोड़ रुपए का अंशदान दिया है। कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में एसजेवीएन के कर्मचारियों ने पहले ही अपने वेतन से प्रधानमंत्री केयर्स फंड में 32,00,000रुपए (बत्तीस लाख रुपए) तथा मुख्यमंत्री राहत कोष/हिमाचल प्रदेश कोविड-19 सॉलिडेरीटी रिस्पांस फंड में 45,00,000 रुपए (पैंतालीस लाख रुपए) का अंशदान दिया है। एसजेवीएन के कर्मचारियों ने अपने वेतन से कोरोना योद्धाओं (नगर निगम शिमला के स्वच्छता कार्मिकों) (प्रति कार्मिक 5000/- रुपए की दर से) को 59,00,000 रुपए (उनसठ लाख रुपए) का भी अंशदान दिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन ने सरकार और सरकारी अस्पतालों को वेंटिलेटरों, अन्य चिकित्सा उपकरण, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण(पीपीई), मास्कों, सेनिटाईजरों एवं दस्तानों, बिस्तर, गद्दे, तीन प्लाई मास्कों, थर्मल स्कैनरों, जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य पदार्थों आदि की खरीद के लिए 3,20,00,000 रुपए (तीन करोड़ बीस लाख रुपए) की वित्तीय सहायता प्रदान की है। कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली किसी संभावित परिस्थिति का सामना करने के लिए, झाकड़ी, ज्यूरी और कोटला में 48 बिस्तरों को चिन्हित किया गया है। ये कमरे सभी आवश्यक सुविधाओं, विद्युत के साथ उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड-19 के संबंध में लोगों को मोबाईल हेल्थ वैनों, होर्डिंग्स, मेडिकल स्टॉफ तथा रेडिया जिंगल्स के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।