आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंडीगढ़। 20 फरवरी को सोनिया गांधी के निधन के बाद एक महीने से अधिक समय हो गया है। वर्तमान 17वीं लोकसभा में रायबरेली से सांसद गांधी को कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राजस्थान राज्य से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
इस बीच, राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित होने के बाद भी, कुछ दिनों पहले तक लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर सोनिया गांधी को उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद के रूप में दिखाया जाता रहा।
इस सब के बीच, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वकील हेमंत कुमार ने 7 मार्च को लोकसभा सचिवालय में एक ऑनलाइन आरटीआई याचिका दायर की, जिसमें सोनिया गांधी के 20 फरवरी 2024 से राज्यसभा के लिए चुने जाने के परिणामस्वरूप 17वीं लोकसभा की सदस्यता समाप्त होने से संबंधित घोषणा और अधिसूचना के बारे में जानकारी मांगी गई।
यद्यपि लोकसभा सचिवालय ने अभी तक आरटीआई के तहत उक्त घोषणा और अधिसूचना की प्रति उपलब्ध नहीं कराई है, तथापि जब अधिवक्ता ने आज लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट की जांच की, तो उन्होंने पाया कि सोनिया गांधी का प्रोफाइल वर्तमान/वर्तमान सांसद से बदलकर पूर्व सांसद कर दिया गया है, तथा साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के फलस्वरूप वे लोकसभा की सदस्य नहीं रहीं।
जैसा कि हो सकता है, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 69(1) का हवाला देते हुए हेमंत कहते हैं कि इसमें स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति जो पहले से ही लोक सभा (लोक सभा) का सदस्य है और उस सदन में अपनी सीट ले चुका है, उसे राज्य सभा का सदस्य चुना जाता है, तो लोक सभा में उसकी सीट उस तिथि से रिक्त हो जाएगी जिस तिथि को उसे चुना गया है। इसलिए, जिस तिथि को सोनिया गांधी को राजस्थान राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था, यानी 20 फरवरी 2024, उसी तिथि को वह वर्तमान 17वीं लोकसभा की सदस्य नहीं रहीं।
अधिवक्ता ने इस संबंध में कुछ उदाहरणों का भी हवाला दिया। जनवरी 2014 में, तत्कालीन डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार के दो कैबिनेट मंत्री अर्थात एनसीपी के शरद पवार (तत्कालीन माढ़ा, महाराष्ट्र से लोकसभा सांसद) और कांग्रेस की कुमारी शैलजा (तत्कालीन अंबाला, हरियाणा से लोकसभा सांसद) को 31 जनवरी 2014 को क्रमशः महाराष्ट्र और हरियाणा राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। परिणामस्वरूप, वे दोनों 31 जनवरी 2014 से ही 15वीं लोकसभा के सदस्य नहीं रहे, हालांकि राज्यसभा के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 2014 (पवार के मामले में) और 10 अप्रैल 2014 (शैलजा के मामले में) से शुरू होना था।
हेमंत ने कहा कि राजस्थान राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में सोनिया का कार्यकाल 4 अप्रैल 2024 से ही शुरू होगा, जब राजस्थान राज्य से राज्यसभा के लिए उनके निर्वाचन से संबंधित अधिसूचना के रूप में अपेक्षित वैधानिक घोषणा के साथ-साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 71 के तहत अनिवार्य एक अन्य अधिसूचना 4 अप्रैल 2024 को ही केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के तहत विधायी विभाग द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। इसलिए 20 फरवरी 2024 से 3 अप्रैल 2024 के बीच की अवधि के लिए सोनिया गांधी संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं।