आदर्श हिमाचल ब्यूरों
हमीरपुर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं कि जिले में पेयजल की स्वच्छता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि फील्ड में अधिक से अधिक सैंपलिंग और टेस्टिंग करवाई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचा जा सके। पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जल गुणवत्ता की नियमित जांच अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग द्वारा पानी की समय समय पर टेस्टिंग के साथ साथ जिले के सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों, उच्च विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायतों तथा 1575 ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों को फील्ड टेस्टिंग किट्स वितरित की गई हैं। इन किट्स के माध्यम से आमजन भी आसानी से जल की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं, लेकिन फील्ड स्तर पर अभी अपेक्षित सैंपलिंग नहीं हो रही है।
इस दौरान उपायुक्त ने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास तथा पंचायतीराज विभागों को निर्देश दिए कि वे इन टेस्टिंग किट्स का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यालयों में छात्रों को यह कार्य प्रोजेक्ट वर्क के रूप में भी दिया जा सकता है, जिससे जागरूकता भी बढ़ेगी और पेयजल की गुणवत्ता पर निगरानी भी बनी रहेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए कि जल सैंपलिंग से संबंधित रिपोर्टें जल शक्ति विभाग के साथ समय पर साझा करें। अमरजीत सिंह ने पारंपरिक जल स्रोतों की नियमित सफाई और उनके आसपास साफ-सफाई बनाए रखने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्रों के संचालन में सभी नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए। इसके साथ ही सभी शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों और घरेलू टंकियों की भी नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि इन प्रयासों में आम जनता, विशेषकर पंचायत जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। इस बैठक में डीडब्ल्यूएसएम के सचिव एवं जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता राजेश धीमान ने मिशन की गतिविधियों और जल परीक्षण से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है और इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे है।