आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। शिमला के समरहिल क्षेत्र की ग्राम बाग सुधार सभा (पंजीकृत) ने मनोरोग अस्पताल परिसर (पांजड़ी बाग) में प्रस्तावित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के हाईटेक सर्विलांस सेंटर के निर्माण का कड़ा विरोध किया है। सभा ने नगर निगम शिमला के महापौर को एक विरोध पत्र सौंपकर अवगत कराया कि यह परियोजना मानसिक रोगियों, अस्पताल स्टाफ और स्थानीय आबादी के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
सभा के प्रवक्ता ने बताया कि इस परियोजना का बच्चों के खेल क्षेत्र, जल स्रोत और क्षेत्र के एकमात्र वाहन मार्ग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, “कोरोना काल में वुहान शहर की स्थिति सबके सामने है। ऐसे में रिहायशी क्षेत्र में इस तरह का सेंटर बनाना खतरनाक साबित हो सकता है।” सभा ने यह भी आरोप लगाया कि इस योजना के लिए स्थानीय निवासियों से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं लिया गया और न ही सार्वजनिक सहमति प्राप्त की गई है, जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी है। सभा ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो ग्रामवासी शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नगर निगम सदन में भी उठा मुद्दा
इस विषय पर नगर निगम की हाल ही में हुई बैठक में भी चर्चा हुई। पार्षद सिमी नंदा ने टुटीकंडी क्षेत्र में एनसीडीसी सर्विलांस सेंटर न खोलने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि आबादी वाले क्षेत्रों में ऐसे केंद्र खोलने से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। उनके प्रस्ताव का सदन में समर्थन हुआ और इसे अब राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया।
नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि जनहित को देखते हुए ऐसे विवादित परियोजनाओं पर निर्णय लेने से पहले स्थानीय निवासियों की सहमति और स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पालन आवश्यक है। सदन ने प्रशासन से इस मामले पर पुनर्विचार करने की भी सिफारिश की है।