आदर्श हिमाचल ब्यूरों
धर्मशाला| हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, धर्मशाला में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए “छात्र दीक्षा कार्यक्रम” का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कानून, एम.सी.ए., एम.एस.सी. और पूर्व विज्ञान विभाग के छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. महावीर सिंह रहे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता, नैतिक मूल्यों और समग्र विकास की दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की संभावनाओं व चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए इसके संतुलित और रचनात्मक उपयोग पर विशेष बल दिया।
इस दौरान कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को भारतीय परंपराओं और आधुनिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन बनाकर शिक्षा अर्जित करनी चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में हाल ही में पाँच उन्नत शोध केंद्र स्थापित किए गए हैं जिसमे ग्रीन एनर्जी एवं नैनो टेक्नोलॉजी, आपदा प्रबंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारतीय ज्ञान प्रणाली और पहाड़ी संस्कृति व विरासत। उन्होंने कहा कि ये केंद्र विश्वविद्यालय को शोध के नए क्षितिज प्रदान करेंगे और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय महत्व के विषयों से जोड़ने में सहायक बनेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. जे.एस. धीमान (डीन, योजना एवं शिक्षक विषयक प्रकोष्ठ), प्रो. हरि मोहन (डीन, सी.डी.सी.) और प्रो. प्रदीप कुमार (निदेशक, सी.डी.ई.) मौजूद रहे। सभी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. कुलदीप अत्री, निदेशक, क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला द्वारा स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों से विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध शैक्षणिक और व्यावसायिक अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर समस्त संकाय सदस्य, अधिकारीगण, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने अंत में शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों के साथ संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया और धर्मशाला केंद्र को उच्च शिक्षा व शोध का प्रमुख केंद्र बनाने के संकल्प को दोहराया। यह दीक्षा कार्यक्रम छात्रों के लिए प्रेरणा, मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय जीवन की सकारात्मक शुरुआत का सशक्त माध्यम साबित हुआ।