विद्यार्थी आत्ममंथन कर लक्ष्य निर्धारित करें एवं मेहनत कर लक्ष्य हासिल करें: डॉ. अश्वनी शर्मा

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विजिटिंग प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा
विजिटिंग प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा

विजिटिंग प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा ने एपीजी के छात्र ओरिएंटेशन कार्यक्रम में  ‘लक्ष्य-निर्धारण’ विषय पर दिया व्यख्यान

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। प्रसिद्ध पत्रकार व विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. अश्वनी शर्मा  ने कहा अधिकतर विद्यार्थी  उचित मार्गदर्शन के अभाव में अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते हैं एवं अपने कैरियर के मार्ग से  भटक जाते हैं। इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वे स्वयं आत्ममंथन करें कि वे क्या कर सकते हैं। यह जानने के पश्चात् वे अपना लक्ष्य निर्धारित करें एवं जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए, तब तक मेहनत करते रहे। यह बात जाने-माने पत्रकार डॉ. अश्वनी शर्मा ने कही।

 

डॉ. शर्मा ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता नए छात्रों को ‘उद्देश्य-निर्धारण और करियर’ विषय पर व्यख्यान दिया। तीन दिन चलने वाले इस छात्र-ओरिएंटेशन का मंगलवार को संपन्न हुआ। डॉ. अश्वनी शर्मा ने कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो कड़ी मेहनत कर हासिल नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम में  एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के शिक्षक, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, डीन, कार्यकारी अधिकारी, निदेशक, कुलसचिव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। इससे पूर्व कार्यक्रम संचालन एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान के संबोधन से हुआ।

 

कुलपति रमेश चौहान ने सभी छात्रों को सुभकानाएँ दी और कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और छात्र समय प्रबंधन, कोविड वैक्सीन की अनिवार्य डोज़ लगवाएं, स्वास्थ्य का ध्यान रखें तथा कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। कुलपति रमेश चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की पढ़ाई के लिए पूरी तरह तैयार है ताकि छात्रों को किसी प्रकार की मुश्किल न हों। कुलपति प्रो. चौहान ने माता-पिता व अभिभावकों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए  धन्यवाद किया और कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।

 

छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. अश्वनी शर्मा ने कहा कि पहले तकनीक इतनी विकसित नहीं थी कि विद्यार्थियों को हर विषय की जानकारी उपलब्ध हो सके। जो मार्गदर्शन बड़े लोग देते थे, उसके आधार पर कैरियर तय होता था। लेकिन, अब समय बदल चुका है। मोबाइल तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है कि एक पल में ही किसी भी विषय की पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। डॉ. अश्विनी शर्मा ने कहा कि कैरियर बनाने में शिक्षकों की बहुत बड़ी एवं महत्वपूर्ण भूमिका है। तभी उत्कृष्ट परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी एक प्रयास में सफलता नहीं मिलती है तो अपना धैर्य न खोए, अपनी असफलता का कारण ढूंढें एवं फिर से कड़ी मेहनत कर लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें।

 

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोई भी व्यवसाय छोटा नहीं होता है पर आप क्या हासिल करना चाहते हैं, किस तरह आप मैनेज करते हैं ताकि सही समय पर अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं यह आपकी दृढ़ संकल्प पर निर्भर करता है। डॉ. अश्वनी शर्मा ने छात्रों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए  अनेको उदहारण देकर उन्हें समझाया कि योजनाबद्ध तरीके, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत से बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्ति में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की दृष्टिबाधित छात्र मुस्कान और उमेश लबाना का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि मुस्कान दृष्टबाधित होने पर यूजीसी नेट पास कर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी कर रही है और भारतीय निर्वाचन आयोग की यूथ आइकॉन भी है वहीं उमेश लबाना ने यूपीएससी की सिविल परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपने माता-पिता, गुरुजनों और प्रदेश का नाम रोशन किया। डॉ. शर्मा ने कहा कि बेहतर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए रुचि, सही योजना, कॉउंसलिंग, समय प्रबंधन के साथ मेहनत करने का जज़्बा होना चाहिए। विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, डीन, प्रोफेसरों ने अपने संकायों संबंधित जानकारी, पढ़ाए जा रहे विभिन्न कोर्सेज की जानकारी, छात्र-जॉब-,प्लेसमेंट, उन्नति, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों और प्रोफेसरों से नए छात्रों को अवगत कराया और साथ में पुराने छात्रों ने भी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का अंतिम सत्र नए छात्रों के मनोरंजन के लिए संगीत कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ।