आदर्श हिमाचल ब्यूरो
ऊना। वर्तमान दौर में अधि कतर युवा आरामदायक जिंदगी जीने के लिए सरकारी नौकरी या बहु-उद् देशीय राष्ट्रीय कम्पनियों में नौकरी पाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। लेकिन जिला के आदर्श नगर अंब के रहने वाले मुश्ताक गुज्जर ने खेतीवाड़ी को ही अपने व्यवसाए के रूप में चुना। लेकि न मुश्ताक गुज्जर ने गेहूं, मक् की, धान की परम्परागत खेती करने के बावजूद डैªगन फू्रट की खेती करने में अपनी रूचि दिखाई और वर्तमान में कड़ी मेहनत करके डै ªगन फू्रट से लाखों रूपये की कमाई कर रहे हैं।
ड्रैगन फू्रट की खेती कर दूसरें किसानों के लि ए मिसाल बनकर उभरे हैं आदर्श नगर अंब के मेहनतकश किसान मुश् ताक गुज्जर। मुश्ताक गुज्जर ने इस वर्ष ड्रैगन फ्रूट के लगभग 1300 पौधों से लगभग दो टन तक डै ªगन फल की पैदावार निकाली है जि ससे उन्हें काफी लाभ मिला है। मुश्ताक बताते हैं कि डैªगन फल की मार्किट में बहुत अधिक मांग है और यह फल काफी ऊंचे दामों पर बिकता है। डैªगन फू्रट में मानव शरीर के लिए जरूरी पौषक तत्व जैसे एंटीऑक्सिडेंट, एंटी एजिंग, पोटाश व कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं। डैªगन फू् रट दिल के मरीजों के लिए यह फल वरदान है।


बागवा नी विभाग का मिल रहा सहयोगमुश् ताक गुज्जर को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बागवानी विभाग का भरपूर सहयोग मिला रहा है। विभा ग की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रि प सिंचाई योजना 80 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त बागवानी विभाग के अधिकारी समय-समय पर आकर तकनीकी सहायता भी देते हैं। उद्यान वि भाग के अधिकारी समय-समय पर ड्रै गन फ्रूट के पौधों के पोषण हेतू प्राथमिक न्यूट्रिशन तथा पौधे में लगने वाली बीमारियों से बचा व के लिए दवाओं के बारे में जा नकारी मुहैया करवाते रहते हैं जिससे उन्हें काफी मदद मिलती है ।

उन्होंने बताया कि साढे़ छः ला ख प्रति एक्ड़ के हिसाब से इस फसल की केसीसी लिमिट बनाई जा रही है। उन्होंने उपायुक्त रा घव शर्मा द्वारा किसानों को ला भान्वित करने के लिए की गई इस पहल की काफी सराहना की।
मुश्ता क के पिता कहते हैं- सीमेंट के पोल स्थापित कर लगाए डैªगन के 500 पौधे मुश्ताक गुज्जर के पिता शौकत अली गुज्जर कहते हैं वर्ष 2019 के मार्च माह में सी मेंट के पोल बनाकर 500 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए थे। सितंबर से अक्तूबर माह में फूल से फल तैयार होने में 40 दिन का समय लगता है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे का औसतन जीवन 25-30 वर्ष होता है ऐसे में किसान को एक ही बा र निवेश करना होता है। उन्होंने बताया कि एक पोल पर पेड़ को तै यार करने के लिए तकरीबन सभी खर्च मिलाकर 1,000 रूपये का खर्च आता है। उन्होंने युवा किसानों से कहा कि परम्परागत खेती के सा थ-साथ कुछ नया किया जाए तो उससे भी कमाई की जा सकती है।