पार्टी हाईकमान का विश्वास खो चुके थे सुधीर, इसलिए ही नहीं मिली सरकार में जिम्मेदारी
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
धर्मशाला। धर्मशाला से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजयइंद्र कर्ण और पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा है कि पूर्व मंत्री पंडित संतराम की विरासत को पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने कलंकित किया है। सुधीर के भाजपा में जाने पर संतराम जी की आत्मा भी रो रही होगी। पंडित जी ने अपनी विरासत सुधीर को सौंपते समय यह कभी सोचा नहीं होगा कि उनका बेटा यह गुल खिलाएगा। सुधीर कांग्रेस में रहते पार्टी हाईकमान का विश्वास खो चुके थे, इसलिए उन्हें सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
कर्ण व जग्गी ने कहा कि धर्मशाला की जनता का सुधीर से विश्वास उठ चुका है। वह अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, उनके कारनामे ऐसे हैं कि क्षेत्र की जनता शर्मसार है। भाजपा को अपना ईमान बेचकर सुधीर ने यह साबित कर दिया कि वह कभी भी किसी को धोखा दे सकते हैं। उन्होंने पार्टी को पहले भी धोखा दिया था, जब उपचुनाव लड़ने से पीछे से हट गए थे। सुधीर की राजनीति शुरू से ही स्वार्थ की रही है। वह जनहित के लिए नहीं, निजी फायदे की राजनीति करते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस सरकार के सवा साल के कार्यकाल में उन्होंने धर्मशाला स्मार्ट सिटी के काम में तेजी लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खू ने खुद स्मार्ट सिटी के काम की निगरानी की और निरंतर नगर निगम के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते रहे।
उन्होंने कहा कि सुधीर अब किसी जिम्मेदारी काबिल नहीं हैं। लोगों ने उन्हें बड़ी उम्मीदों के साथ धर्मशाला का विधायक बनाया था, लेकिन उन्होंने लोगों के काम करवाने के बजाय खुद की महत्वकांक्षाओं को तवज्जो देते हुए 14 महीने में ही खुद को भाजपा की राजनीतिक मंडी में बेच दिया। जनता अब उन्हें दोबारा विधायक नहीं बनाएगी। जनता को जनसेवक चाहिए, धनसेवक नहीं। लोगों ने 15-15 करोड़ रुपये में बिके कांग्रेस के पूर्व विधायकों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व बिकाऊ विधायकों को 4 जून को तसल्ली हो जाएगी।