सुक्खू की फिल्म अभी बाकी, 2027 में आएगा पार्ट-टूः सीएम

बोले....हम ब्रीफकेस वाले नहीं, जनबल वाले, विनोद सुल्तानपुरी के नामांकन में शामिल हुए सीएम, चौड़ा मैदान में भाजपा पर बरसे

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

Ads

शिमला l संसदीय सीट शिमला से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने आज शिमला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके बाद चौड़ा मैदान में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भाजपा और दागियों पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के छह दागी नेता धनबल से बिक गए और पार्टी के खिलाफ बगावत की। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट 2024-25 प्रस्तुत करने के बाद सभी दागी नेता सरकार की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन जब भरे हुए अटैची नजर आए तो राजनीतिक मंडी में बिक गए और दूसरी किश्त पाने के लिए पंचकूला भाग गए।

 

उन्होंने कहा कि हम अटैची वाले नहीं हैं, बल्कि जनबल वाले हैं।  उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सरकार या मुख्यमंत्री पद को बचाने की नहीं है, बल्कि जन भावनाओं की खरीद-फरोख्त करने वालों को सबक सीखने की है। भाजपा नेताओं ने धनबल के माध्यम से सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा था और यह चुनाव भविष्य की राजनीति को तय करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता इन चुनावों में भाजपा को हराकर पूरे देश के सामने एक उदाहरण पेश कर खरीद-फरोख्त की राजनीति को करारा जवाब देगी। भाजपा ने राज्यसभा की एक सीट को चुराया है, लेकिन प्रदेश की जनता लोकसभा की चारों सीटें कांग्रेस को देगी।

 

 

   मुख्यमंत्री ने कहा कि सुक्खू सरकार की फिल्म अभी साढ़े तीन साल और चलेगी। इसके बाद वर्ष 2027 में इसका पार्ट-टू भी आएगा। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने विधानसभा में खड़े होकर भगवान को चुनौती दी और कहा कि इस सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकता। लेकिन लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है और जनता ने ही इस सरकार को बचाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश की संस्कृति को कलंकित करने का गुनाह किया है, जिसकी सजा उसे मिलकर रहेगी।

 

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार नशा माफिया, भू-माफिया और खनन माफिया के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिना किसी राजनीतिक लाभ के मंशा के सरकारी कर्मचारियों को पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन दी, ताकि वह स्वाभिमान के साथ अपना बुढ़ापा जी सकें। जबकि जयराम ठाकुर ने पुरानी पेंशन माँगने पर कर्मचारियों को विधायक का चुनाव लड़ने की चुनौती दी।

 

 

   ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पिछले साल आई आपदा को एक युद्ध के रुप में लड़ा, लेकिन जयराम ठाकुर बार-बार विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते रहे। तीन दिन तक चर्चा के बावजूद भाजपा के विधायकों ने हिमाचल प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया और आपदा प्रभावित 22 हजार परिवारों के साथ खड़े नहीं हुए। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज दिया।

 

 

उन्होंने कहा कि मैंने तो सिर पर ईंटे ढोई हैं, इसलिए आम आदमी के दर्द को बेहतर ढंग से समझता हूँ। उन्होंने कहा कि अकेले शिमला जिला में आपदा प्रभावितों को 62 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब आपदा आई तो सेब का सीजन चरम पर था और राज्य सरकार ने रिकॉर्ड समय में सड़कें खुलवाईं, तथा सेब को समय पर मंडियों तक पहुँचाया गया। एक भी बागवान को नुकसान नहीं उठाना पड़ा। सेब बागबानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 10.50 रुपए से बढ़ाकर 12 रुपए किया। किलो के हिसाब से सेब की बिक्री सुनिश्चित की और आने वाले सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टून सिस्टम लागू करने जा रहे हैं। सेब बागबानों के लिए एमआईएस में 60 करोड़ तुरंत प्रभाव से रिलीज किए गए। यह संवदेनशील सरकार की किसानों एवं बागवानों के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण है।

 

 

   ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीजेपी के सांसद सुरेश कश्यप ने आपदा पर संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा। उन्होंने न ही प्रधानमंत्री और न ही गृह मंत्री को इस बारे में कोई चिट्ठी लिखी। संसद की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि विनोद सुल्तानपुरी जमीन से जुड़े नेता हैं। शिमला संसदीय सीट के मतदाता उन्हें वोट दें और वह जनसेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंद कर वर्तमान राज्य सरकार ने पंद्रह महीने में 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व कमाया। इस राजस्व से विधवाओं और एकल नारी के बच्चों की शिक्षा का राज्य सरकार उठा रही है और उन्हें घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए की मदद दे रहे हैं। मनरेगा की दिहाड़ी को 240 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये किया। 70 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को इलाज सरकार उठा रही है। सरकार द्वारा भैंस का दूध 55 रुपए तथा गाय का दूध 45 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।