आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला में शिक्षक दिवस के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान प्रोफेसर एस. रंगनाथ ने दिया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने की। इस मौके पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्येता, टैगोर अध्येता, आईयूसी सह-अध्येता, आवासीय अध्येता, अनुभागाध्यक्ष और कर्मचारी उपस्थित थे।
इस दौरान प्रोफेसर रंगनाथ ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षावादी दृष्टि और उनके आदर्शों को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षक मात्र ज्ञान के वाहक नहीं, बल्कि सत्य, सेवा और मानवता के उच्चतम आदर्शों के संरक्षक होते हैं। उन्होंने बताया कि राधाकृष्णन का शिक्षण दृष्टिकोण आज के समय में और भी प्रासंगिक है, क्योंकि शिक्षक आधुनिकता और परंपरा के बीच संतुलन स्थापित करते हैं और छात्रों में नैतिकता, जिज्ञासा व विश्व बंधुत्व की भावना विकसित करते हैं। निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आईआईएएस की स्थापना और इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला, उन्होंने बताया कि यह संस्थान डॉ. राधाकृष्णन की प्रेरणा से बना है और उच्च शिक्षण तथा बौद्धिक परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र है। इस कार्यक्रम का समापन शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए किया गया, जिनके समर्पण ने समाज और व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाई है।