आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला – भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS), शिमला द्वारा बुधवार, 04 जून 2025 को संस्थान के प्रतिष्ठित पुस्तकालय सभागार में 10वें रवीन्द्रनाथ टैगोर स्मृति व्याख्यान का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन संस्थान के वार्षिक प्रमुख कार्यक्रमों में से एक था, जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, शोधार्थियों, प्रशासनिक अधिकारियों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस विशिष्ट आयोजन के मुख्य अतिथि और वक्ता डॉ. विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे थे, जो भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (ICCR), नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष हैं। डॉ. सहस्रबुद्धे ने “प्रभावी लोकतांत्रिक शासन के लिए राजनीतिक दलों में सुधार” विषय पर विस्तृत एवं विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। अपने वक्तव्य में उन्होंने लोकतंत्र के वर्तमान स्वरूप की गहन समीक्षा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की सफलता राजनीतिक दलों की मजबूती, पारदर्शिता, और सुदृढ़ वैचारिक आधार पर निर्भर करती है। उन्होंने राजनीतिक दलों की संगठनात्मक कमियों को उजागर करते हुए दलों के आंतरिक लोकतंत्र की मजबूती, दलबदल की प्रवृत्ति पर नियंत्रण और प्रभावी चुनाव सुधारों के माध्यम से लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने की सिफारिश की।
उन्होंने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राजनीतिक दलों के वैचारिक पतन, पार्टी-गत सैद्धांतिक अस्पष्टता और चुनावी राजनीति के व्यवसायीकरण जैसी समस्याओं को भी गहराई से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रति जन-विश्वास को बहाल करने और लोकतांत्रिक संस्थानों की गरिमा बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों के मूलभूत सुधार आवश्यक हैं।
इससे पूर्व, संस्थान के निदेशक प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अध्यक्ष प्रो. शशि प्रभा कुमार ने मुख्य अतिथि का विस्तृत परिचय देते हुए कार्यक्रम की पृष्ठभूमि स्पष्ट की। संस्थान के सचिव श्री मेहर चन्द नेगी ने कार्यक्रम की सफलता पर अतिथियों व आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और जलपान के साथ किया गया, जहां अतिथियों और प्रतिभागियों के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई।