केंद्र से दिए पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पा रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार : भाजपा

0
10

आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी, प्रवक्ता बलबीर वर्मा एवं मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र से पैसा मांगने में तो आगे रहती है पर हिसाब देने में बहुत पीछे रहती है। कांग्रेस के सभी नेता केंद्र सरकार पर दोषारोपण करते हैं और लगातार जनता में ऐसा मैसेज देते हैं कि केंद्र से पैसा नहीं आ रहा, पर भाजपा की सभी नेता कांग्रेस के लोगों से यह पूछना चाहते हैं कि जो पैसा आया है वह हिमाचल में इस्तेमाल क्यों नहीं हो पा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि पैसा तो दे दो पर अगर उसका इस्तेमाल ही नहीं होगा तो पैसा लेप्स होकर वापस तो जाएगा। सरल शब्दों में कहा जाए तो यह सरकार को प्रबंधन की सरकार है, केंद्र से विभिन्न योजनाओं के पैसे को व्यवस्थित तरीके से यह सरकार इस्तेमाल कर ही नहीं पाई।

 

भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रदान की गई आर्थिक सहायता का उपयोग कांग्रेस सरका कर ही नहीं पा रही है। 2021 से 2025 तक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ही आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फास्ट्रक्चर मिशन के तहत 360 करोड़ 11 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसमें से प्रदेश सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई है। इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लाक लेबल पब्लिक हेल्थ यूनिट बनाए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से छह ही बन पाए हैं जबकि 14 के टेंडर हुए हैं।

 

आठ क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित होने हैं, जिसमें रोहडू, रिकांगपिओ, घवांडल, टांडा, मंडी अस्पताल व पांवटा साहिब शामिल हैं। प्रदेश को 15वें वित्तायोग से 521 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसमें से केवल 128 करोड़ 62 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि 25 मई को मुख्यमंत्री भाजपा के वृक्ष नेता जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मिले थे और नफा ने स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री को कहा था कि जो पैसा दिया है इसका इस्तेमाल करो और देंगे पर इस्तेमाल तो करो । मुख्यमंत्री ने नड्डा से जाइका से पैसा दिलवाने का आग्रह किया था जिस पर 30 जून को 1138 करोड़ रुपये केंद्र ने मंजूर किए। इसमें से प्रदेश सरकार को 1024 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड दिए गए हैं जबकि शेष राशि सस्ते लोन पर उपलब्ध करवाई गई है।

 

भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र की ओर से हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी गई है अगर कमी और खोट है तो वह हिमाचल प्रदेश की सरकार में ही है।