शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
शिमला। कोरोना महामारी संकटकाल और उससे उपजे तनाव के बीच आओ कुछ सुकून भरे पल बिताए । ऐसे हसीन पल जो आपके लिए जीवन भर यादगार बन जाते हैं, जिसे आप सहेज और संवार कर रखना चाहते हैं । यह लम्हे ऐसे होते हैं जिसे आप अपने और अपनों के लिए भी खास बनाते हैं । दोस्तों आइए आज खूबसूरत और सुंदरता को लेकर चर्चा की जाए । हम बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले बता दें कि आज ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ है । हर साल 19 अगस्त को यह दिन कैमरों में कैद हुए अतीत, वर्तमान और भविष्य में समाहित हो जाता है, हर तस्वीर अपने आप में इतिहास गढ़ती है ।
सही मायने में वर्ल्ड फोटोग्राफी डे, प्राकृतिक, सुंदरता, खूबसूरत नजारों के साथ कुछ अपनों के साथ बिताए गए यादगार पलों के साथ गुजारने का दिन होता है । फोटोग्राफी डे पर दुनिया भर में लोग कैमरो से वह पल को कैद करते आ रहे हैं जो अब उनका जीवन का हिस्सा भी बन गया है ।
बदलते परिवेश में आज अधिकांश लोगों के पास कैमरे की जगह मोबाइल फोन ने ले लिया है । लेकिन आज भी कैमरा का महत्व कम नहीं हुआ है । फोटोग्राफी डे उन सभी फोटोग्राफर्स को समर्पित है जिन्होंने अपनी कला से दुनिया की खूबसूरती को कैमरे में कैद किया है । आज के समय में फोटोग्राफी के जरिए हम आसानी से अपनी जिंदगी के खूबसूरत पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं । कई बार आप लोगों देखा होगा कुछ ऐसी तस्वीरें या विजुअल, फोटो ऐसे भी होते हैं जो खबरों पर भी भारी पड़ जाते हैं । यह वर्ल्ड फोटोग्राफी डे ऐसे समय आता है जब पूरे भारत में बारिश का मौसम रहता है । यानी चारों ओर हरियाली और छटा बिखरी हुई होती है, ऐसे में कई लोगों का फोटोग्राफी का शौक भी होता है, यह दिन उनके लिए बहुत ही खास है ।
9 जनवरी 1839 को दुनिया में पहले फोटोग्राफी की शुरुआत फ्रांस से हुई थी—-
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि दुनिया में सबसे पहले 9 जनवरी 1839 को फोटोग्राफी की शुरुआत फ्रांस से हुई थी । उसके कुछ महीनों बाद 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने इस प्रकिया को बिना किसी कॉपीराइट के दुनिया को उपहार के रूप में देने की घोषणा की। तभी से 19 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है। लेकिन उससे पहले साल 1826 में दुनिया की पहली दिखने वाली तस्वीर खींचने का श्रेय जाता है । फ्रांस के इनवेंटर जोसेफ नाइसफोर और उनके मित्र लुइस डॉगेर को, जिन्होंने अपनी आधी उम्र सिर्फ इसी काम के लिए समर्पित कर दी थी । इन दोनों की फोटो खींचने की इसी उपलब्धि को दुनिया ‘डॉगेरोटाइप’ प्रोसेस कहती है और इसे सम्मान देने के लिए वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ। वर्ल्ड फोटोग्राफी की लोकप्रियता साल 2010 से बढ़ना शुरू हुई थी । ऑस्ट्रलिया के एक फोटोग्राफर ने इस दिन के बारे में दुनिया भर में जागरूकता फैलानी शुरू की । उन्होंने अपने सभी साथियों की मदद से दुनिया भर में इस दिन का प्रचार-प्रसार किया । उन्होंने अपने 270 साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर उनकी तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश की । इस ऑनलाइन गैलरी को लोगों ने खूब पसंद किया जिसके बाद से इसका ट्रेंड बन गया और हर साल फोटोग्राफी डे के दिन ऐसी ही ऑनलाइन गैलरी बनने लगी ।
फोटोग्राफी के क्षेत्र में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए यह दिन होता है खास—
‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ फोटोग्राफी के क्षेत्र में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने, विचारों के आदान-प्रदान और लोगों को फोटोग्राफी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिन न केवल उस व्यक्ति को याद करता है जिसने इस क्षेत्र में योगदान दिया है बल्कि यह भविष्य की पीढ़ी को भी अपना कौशल दिखाने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ इस खास दिन को मनाने का उद्देश्य यह भी है कि दुनियाभर के फोटोग्राफरों को एकजुट किया जा सके। एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग फोटो खिंचाने के लिए कई किलोमीटर दूर फोटो स्टूडियो में जाते थे। लेकिन आज हर लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या कैमरे वाला मोबाइल, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें सहेज कर रख सकते हैं। भारत की नहीं दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो फोटोग्राफी के शौकीन हैं और उन्होंने फोटोग्राफी को ही अपना करियर चुन लिया है। आओ आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर कुछ यादगार पल कैमरों में क्लिक करें ।