आदर्श हिमाचल ब्यूरों
मंडी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मंडी में नदीय मत्स्य पालन कार्यक्रम का तीसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। इस दौरान ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों में लगभग 2.20 लाख मछली बीज डाले गए। उपनिदेशक मत्स्य मण्डल मंडी, नीतू सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर को गुरुद्वारा गोविंद सिंह के समीप ब्यास नदी में 45 हजार, बाखली बाज़ार के पास बाखली खड्ड में 1 लाख और सियांज क्षेत्र के ज्यूणी खड्ड में 75 हजार बड़े आकार की भारतीय मेजर कार्प मछलियां (कतला, रोहू, मृगल) छोड़ी गईं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय मछुआरों के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल रहा और इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना, मत्स्य उत्पादन बढ़ाना, जैव विविधता संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक लाभ सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए, जिनमें आम नागरिकों और मछुआरों को मत्स्य योजनाओं की जानकारी दी गई और छोटी मछलियों के शिकार पर रोक के प्रति जागरूक किया गया। अवैध मत्स्य शिकार करने वालों को हिमाचल प्रदेश मत्स्य अधिनियम, 1976 एवं नियम 2020 के तहत दंडित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मत्स्य निदेशालय बिलासपुर के पर्यवेक्षक पंकज ठाकुर, सहायक निदेशक नीतू सिंह, विभागीय कर्मचारी और स्थानीय मछुआरे उपस्थित रहे।











