IIAS में हुए अनुसंधान कार्यों और भावी योजनाओं पर तीन दिवसीय संगोष्ठी

शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान 22 से 24 जुलाई 2021 के बीच तीन दिवसीय विशेष वर्चुअल अकादमिक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. ‘भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान कोरोना के दौरान-पुनरावलोकन और पूर्वेक्षण’ नामक शीर्षक से आयोजित होने वाली यह संगोष्ठी दो उपविषयों में विभक्त है. एक थीम के अंतर्गत कोरोना महामारी के दौरान संस्थान में हुए अनुसंधान कार्यों और उनके परिणामों पर चर्चा की जाएगी जबकि दूसरे के तहत भावी शोध परियोजनाओं, विविध विषयक संवादों तथा गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इसके लिए विद्वानों से सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे.

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22 जुलाई को उद्घाटन सत्र में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर. परांजपे स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करेंगे. कुशाभाई ठाकरे पत्रकारिता एवं जनंसचार विश्वविद्यालय, रायपुर छत्तीगढ़ के कुलपति प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा इस अवसर उद्घाटन भाषण प्रस्तुत करेंगे जबकि परिचयात्मक टिप्पणी प्रोफेसर राजवीर शर्मा तथा हिन्दी जगत के जानेमाने लेखक प्रोफेसर माधव हाडा द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। चार सत्रों में विभक्त इस संगोष्ठी में कोरोना के दौरान संस्थान में आयोजित वार्षिक व्याख्यान शृंखलों, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय, अध्येताओं द्वारा प्रस्तुत साप्ताहिक संगोष्ठियों, विशिष्ट व्याख्यान शृंखला, पुस्तक परिचर्चाओं, संस्थान के मुख्य ऐतिहासिक भवन के जीर्णोद्धार, प्रकाशित पुस्तकों तथा पुस्तकालय संग्रह के बारे में व्यापक चर्चा की जाएगी.

संस्थान के जन संपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने बताया कि वक्ताओं के क्रम में प्रोफेसर सीतांशु यशचन्द्रा, प्रोफेसर दीप्ती त्रिपाठी, प्रोफेसर अवधेश प्रधान, प्रोफेसर सुधीर सिंह, डॉ. अंजलि दुहान, प्रोफेसर रमेश चन्द्र प्रधान, प्रोफेसर बिजोय बरुआ, प्रोफेसर भारत गुप्त, प्रोफेसर सूर्यकांत, प्रोफेसर मनिन्द्र ठाकुर, प्रोफेसर नंदकिशोर आचार्य, प्रोफेसर डी.आर. पुरोहित, प्रोफेसर शशिप्रभा, प्रोफेसर एम.पी. सिंह, डा. बलराम शुक्ल, प्रोफेसर गुरप्रीत महाजन, प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी, प्रफुल्ल केतकर, तरूण विजय, तपस्या सामल, संगीता ब्यास तथा वाणी प्रकाशन समूह से अदिती एम. गोयल व संकरांत सानू प्रमुख हैं.

हालांकि कोरोना महामारी के प्रभाव से संस्थान अछूता नहीं रहा, लेकिन इस विकट दौर में संस्थान ने राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय महत्व की अकादमिक गतिविधियों को आनलाइन रखा जोकि संस्थान के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगी.