आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दिवाली से पहले प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त अक्टूबर माह के वेतन और पेंशन के साथ नवंबर माह में भुगतान की जाएगी और साथ ही अप्रैल से सितंबर 2025 तक का बकाया भी अक्टूबर में खातों में जमा कर दिया जाएगा। वहीं, जुलाई 2023 से मार्च 2025 तक की बकाया राशि के लिए अलग आदेश जारी होंगे।
मुख्यमंत्री ने शिमला में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के दो दिवसीय आम अधिवेशन के शुभारंभ पर कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों के वित्तीय लाभों और पुरानी पेंशन योजना पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बिजली बोर्ड में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि बिना कर्मचारियों के सहयोग के सुधार संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने बिजली उत्पादन की महंगाई पर भी चिंता जताई और बताया कि ऊहल प्रोजेक्ट से प्रति यूनिट बिजली उत्पादन की लागत 27 रुपये है, जबकि कर्मचारियों का खर्च प्रति यूनिट मात्र 2.50 रुपये है और उन्होंने अधिकारियों की संख्या अधिक होने और कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न मिलने को गंभीर समस्या बताया है। सुक्खू ने कहा कि सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने के लिए 2200 करोड़ रुपये जारी किए हैं। 2023 से सितंबर 2025 तक कंपनी ने पेंशनधारकों को 662.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और वर्ष के अंत तक 70 करोड़ रुपये और दिए जाएंगे। चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान नियमित और साप्ताहिक आधार पर हो रहा है, उन्होंने बोर्ड को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मुआवजा नीति लाने और रुकी हुई पदोन्नतियां जल्द करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ओपीएस योजना लागू करने पर भाजपा नेताओं के दबाव में केंद्र ने हिमाचल की अतिरिक्त उधारी रोक दी है। इसके पुनः लागू करने के लिए केंद्र को पत्र भेजे जा रहे हैं और आर्थिक तंगी के बावजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात जल्द सुधरेंगे। सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकारों पर वित्तीय कर्ज और देनदारियां बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 75 हजार करोड़ का कर्ज और 10 हजार करोड़ की देनदारियां वर्तमान सरकार को विरासत में मिली हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को लाभ न मिलने की जिम्मेदारी वर्तमान सरकार की नहीं, क्योंकि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का ध्यान नहीं दिया गया। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंचा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीकें लाई जा रही हैं, जैसे पीईटी स्कैन, थ्री टेस्ला एमआरआई और रोबोटिक सर्जरी। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है, दूध खरीद दरों में बढ़ोतरी और प्राकृतिक खेती को समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कर्मचारी यूनियन की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस कार्यक्रम में विधायक संजय अवस्थी, हरीश जनारथा, रणजीत सिंह, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया, बिजली बोर्ड के चेयरमैन प्रबोध सक्सेना सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।