संजौली महाविद्यालय में सेमिनार के माध्यम से सिखाए दीर्घायु जीने और आजीविका स्त्रोतों को पैदा करने के टिप्स

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र राजकीय महाविद्यालय संजौली में रिसर्च एंड इक्यूबेशन सेल द्वारा एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की समन्वयक डॉक्टर मीनाक्षी ने रिसर्च एंड इक्यूबेशन सेल की पूर्व पीठिका पर प्रकाश डालते हुए महाविद्यालय में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया । महाविद्यालय की प्राचार्य भारती भागड़ा ने इक्यूबेशन सेल के सभी सदस्यों को इस सेमिनार के आयोजन हेतु बधाई दी। इसमें डॉक्टर दिवेश शर्मा प्रोफेसर मनोचिकित्सक विभाग आईजीएमसी शिमला बतौर स्रोत वक्ता मौजूद रहे ।
इन्होंने महाविद्यालय के विद्यार्थियों तथा आचार्यों को तनाव रहित जीवन जीने के तरीके बताएं और श्रोतागण को तनाव के करण और प्रकारों से अवगत करवाया। इसके पश्चात महाविद्यालय के विभिन्न विद्यार्थियों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया । इसमें कनिका शर्मा,साक्षी शर्मा, हिमानी,हर्षिता इत्यादि विद्यार्थी थे इस कार्यक्रम में भौतिक विज्ञान , जीव विज्ञान विभाग, समाजशास्त्र ,रसायन विज्ञान,मनोविज्ञान तथा पर्यावरण विभाग ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर बृजेश चौहान ने दीर्घायु जीवन की अवधारणा विषय पर बिचार रखते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 1300 से ज्यादा ऐसे लोग रहते हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से ज्यादा है तथा 7 लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 122 साल की उम्र से ऊपर जीवन यापन कर रहे है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दुनिया का एक नया ब्ल्यू जॉन हो सकता है । यह एक शोध का विषय है, इस पर शोध के लिए महाविद्यालय दुनिया के शोधकर्ताओं को आमंत्रित करेगा जो आने वाले समय मे यहाँ शोध करेंगे।कैसे हिमाचल के लोग लंबी उम्र जीने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करते है यहां का खान पान कैसा है। इन सभी महत्व पूर्ण बिषय पर शोध किया जाएगा।

उन्होंने बिषय पर बोलते हुए कहा कि हिमाचल के लोगो के जीवन मे जड़ी बूटियों का भी बिशेष स्थान है तथा प्रकृतिक वातावरण, शुद्ध जलवायु,अच्छी नींद का आना और संगीत का भी लंबी उम्र के लिए एक बहुत बड़ा रोल होता है।संजौली महाविद्यालय में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत इन सभी तथ्यों को विस्तार से जानने की कोशिश की जा रही है जो लंबी उम्र जीने के लिए जीने के लिए तौर तरीके सामने आएंगे तथा लंबी उम्र के साथ-साथ जीवन मे खुश रहना भी जरूरी है जीवन की भागदौड़ और पारिवारिक जिम्दारियों के कारण आज हम मानसिक तनाव में जी रहे है।
जो स्वस्थ के लिए घातक है आज के रहन सहन खानपान के कारण छोटी उम्र में ह्रदय रोग आदि पनप रहा है। जो काफी चिंता का बिषय है। इस पर महाविद्यालय के सौ से अधिक विद्यार्थियों ने एक सर्वे भी किया था जिसकी महाविद्यालय में प्रध्यापको ने एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की है। जिसमें (लोंजीविटी आफ लाइफ )दीर्घायु जीने के अलग-अलग डाइमेंशन का पता लगाने में सहायता मिली है और आने वाले समय में महाविद्यालय प्रशासन ने एक विस्तृत प्लान तैयार किया है।
महाविद्यालय अध्यनस्थ विद्यार्थियों को और शोधकर्ताओं के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्य तथा  विदेशो के शोधकर्ताओं से भी जोड़ा जाएगा जिससे विद्यायल के विद्यार्थियों एवं प्रध्यापको को प्रशिक्षण दिया जाएगा जो प्रशिक्षित होने के बाद बायोलॉजिकल उम्र का पता लगाएंगे तथा इससे आने वाले समय मे अध्यनस्थ विद्यार्थियों के लिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे, इसके अतिरिक्त संगोष्ठी में बच्चों को ।जड़ीबूटियों के महत्व की भी जानकारी दी गई ।
आने वाले समय मे कॉलेज प्रशासन द्वारा बच्चों को जड़ी बूटियां के पौधे और बीच दिए जाएगे जिससे वह पढ़ाई के साथ-साथ अपनी आजीविका कमाने के तौर तरीके भी सीखे। महाविद्यालय की प्राचार्य ने इक्यूबेशन सेल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के शोध परक दृष्टिकोण का विकास करेंगे और वे निश्चय ही लाभान्वित होंगे।
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