बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित प्रशिक्षु अधिकारियों ने की विधान सभा अध्यक्ष से मुलाकात 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। बिहार लोक सेवा आयोग से विभिन्न पदों के लिए चयनित अधिकारियों जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा अधिकारी, बी0डी0ओ0, डी0 पी0 आर0 ओ0, आबकारी एवं कराधान अधिकारी, पंचायत अधिकारी तथा तहसीलदार शामिल हैं ने आज हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय पहुँच कर हिमाचल प्रदेश विधान सभा  के माननीय अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानियां से शिष्टाचार भेंट की। बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित यह 59 प्रशिक्षु अधिकारी हि0 प्र0 लोक प्रशासनिक संस्थान फेयरलॉन शिमला में 4 दिन से  प्रशिक्षण पर हैं। यह प्रशिक्षण भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत चल रहा है।

मुलाकात के दौरान इन प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए पठानियां ने कहा कि हि0प्र0 विधान सभा देश की पहली कागज रहित विधान सभा है जहाँ सारा कार्य ऑनलाईन तरीके से किया जाता है। हि0प्र0 की ई-विधान प्रणाली का अनुसरण सभी राज्य विधान सभाएँ कर रही हैं। भारत सरकार की पहल पर अब Neva, राष्ट्रीय ई- विधान की स्थापना की गई है । जिसके माध्यम से एक ऐप के जरिए सभी राज्य विधान सभाओं की कार्यवाही को मोबाईल ऐप पर देखा जा सकता है। श्री पठानियां ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के नाते  भी शिमला में कौंसिल चैम्बर भवन का  निर्माण किया जो देश की प्रथम राष्ट्रीय असैम्बली बनी।

पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर का निर्माण 1920-25 में किया गया तथा 10 लाख की कीमत से यह भवन बन कर तैयार हुआ । अपने सम्बोधन के दौरान पठानियां ने कहा कि अपने अंग्रेज प्रतिद्वन्द्वी को 2  मतों से पराजित कर वर्ष 1925 में विठ्ठल भाई पटेल जो सरदार पटेल  के अग्रज थे ने पहले  चेयरमैन होने का गौरव हासिल किया। श्री पठानियां ने कहा कि कौंसिल जहाँ राष्ट्रीय असैम्बली रही वहीं पँजाब विधान सभा तथा हिमाचल प्रदेश विधान सभा होने का गौरव भी इसे हासिल है।

पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है । महिलाओं को मत देने के अधिकार का प्रस्ताव मोती लाल नेहरू के द्वारा यहीं लाया गया जिसे पारित भी किया गया । इस अवसर पर श्री पठानियां ने सभी प्रशिक्षुओं को अपनी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी तथा तन-मन से अपने राज्य में जनहित कार्य करने की सभी को सलाह दी। पठानियां ने कहा कि कार्यपालिका की भूमिका आज के दौर में महत्वपूर्ण हो गई है तथा सरकार की  नितियों तथा विकासात्मक गतिविधिओं को चलाने की जिम्मवारी भी कार्यपालिका की  है।