राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का रखा गया लक्ष्य: उपायुक्त सिवाच

सांकेतिक तस्वीर
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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया  कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से टोल फ्री नंबर 1800-11-6666 पर कोई भी व्यक्ति टीबी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है।

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उपायुक्त सिवाच ने जिला के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, भूख व लगातार वजन कम होना, शाम के समय बुखार, रात को पसीना आना इत्यादि में से कोई भी लक्षण है तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण पाया जाता है तो उसे तुरंत स्वास्थ्य संस्थान में जाकर टीबी की जांच करवानी चाहिए। यदि जांच में टीबी पाई जाती है तो तुरंत टीबी का ईलाज शुरू करना चाहिए। टीबी का ईलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है।

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उपायुक्त ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को टीबी हो जाती है तो उसे डॉक्टर की सलाहनुसार पूर्ण ईलाज लेना चाहिए व दूसरे लोगों को टीबी लगने से बचाने हेतु इधर-उधर खुले में नहीं थूकना चाहिए और खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए। टीबी की जांच व ईलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। टीबी का अधूरा ईलाज लेने से टीबी पर सामान्य दवाईयां काम करना छोड़ देती है और एमडीआर (बिगड़ी हुई टीबी) बन जाती है जिसका ईलाज 2 साल से 3 साल तक चलता है जबकि सामान्य ईलाज 6 महीने तक चलता है।

टीबी का ईलाज लेने वालों को पोषण भत्ता व सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नोटीफाई करवाने वाले व्यक्तियों को मिलती है प्रोत्साहन राशि

उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि टीबी मरीज को ईलाज की अवधि के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ता दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार टीबी के नए मरीजों की जानकारी देकर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नोटीफाई करवाने वाले व्यक्तियों को भी 500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता दे रही है। टीबी के ईलाज में मरीज की मदद करके उसके ईलाज का परिणाम सरकार को देने वाले व्यक्ति को भी नियमानुसार 500 रुपये या इससे अधिक प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।  उपायुक्त ने बताया कि प्राइवेट प्रोवाइडर द्वारा टीबी के नए मरीज को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नोटीफाई करवाने तथा उसके ईलाज का परिणाम सरकार को देने पर नियमानुसार एक हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।

टीबी रोग के लक्षण

उपायुक्त सिवाच ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, लगातार वजन कम होना, भूख ना लगना, दोपहर बाद बुखार आना, रात को पसीना आना इत्यादि लक्षण टीबी के हो सकते हैं।

टीबी रोग से सावधानियां

उपायुक्त ने बताया कि जिस किसी भी व्यक्ति को टीबी हो गई है तो उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। टीबी का पूर्णतया ईलाज है। मरीज को चाहिए कि वह डॉक्टर की सलाहनुसार उपचार लेना चाहिए। टीबी खांसने और छींकने से फैलती है, इसलिए टीबी मरीज को इधर-उधर खुले में नहीं थूकना चाहिए। खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए। भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।