आदर्श हिमाचल ब्यूरो
लखनऊ। हाल ही में सम्पन्न हुए ग्राम प्रधानी के चुनाव के बाद ग्राम पंचायतों का गठन और ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण को फ़िलहाल टाल दिया गया है। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के अप्रत्यक्ष चुनाव पर भी ग्रहण लग गया है। पंचायतीराज विभाग से मिल रही जानकारी के मुताबिक नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के लिए जो प्रस्ताव मुख्यमंत्री ऑफिस को भेजा गया था उसे लौटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में फैले कोरोना संक्रमण की वजह से फिलहाल सभी कार्यक्रम रोक दिए गए हैं।
पंचायतीराज विभाग की तरफ से जो प्रस्ताव भेजा गया था उसके मुताबिक जिसके मुताबिक 12 मई से ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाया जाना था। शासन ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण और इसके साथ ही पहली बैठक कराने का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया था। इसके मुताबिक 12 से 14 मई तक शपथ ग्रहण कराने की योजना थी। इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव संबंधी कार्यवाही 20 मई से शुरू करने का प्रस्ताव था। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव 14 से 17 मई के बीच कराने की योजना थी।
15 मई को पूरे प्रदेश में एक साथ ग्राम सभा की पहली बैठक कराने का प्रस्ताव था। इसी दिन से नवनिर्वाचित ग्राम पंचायतों के कार्यकाल की शुरुआत मानी जाती। प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद जल्दी ही ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण और पहली बैठक संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाता। लेकिन अब इसमें देरी होगी। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में परिणाम आने के बाद भी तमाम प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे क्योंकि सदस्य ग्राम पंचायत के लगभग 10 हजार पद रिक्त हैं। नियम यह है कि सदस्य का दो तिहाई होना अनिवार्य है।अगर सदस्य दो तिहाई नहीं होगा तो प्रधान शपथ नहीं ले सकेगा। लगभग हर चुनाव के बाद स्थिति यही रहती है। ऐसे में विकास कार्य न रुके इसलिए शपथ ग्रहण कराया जाता है। शेष पदों पर चुनाव फिर कराया जाता है। ताकि समस्या न हो। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर भी चुनाव कराने को लेकर मंथन शुरू हो चुका है।