आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। टिहरी जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से गदेरा उफान पर आ गया। इससे कई दुकानें और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। गनीमत रही कि कोविड कर्फ्यू के चलते दुकानें बंद थी। इस कारण कोई जनहानि नहीं हुई। उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से पर्वतीय क्षेत्र सहित मैदानों में बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। वहीं, ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी का सिलसिला भी जारी है। पर्वतीय जिलों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। टिहरी जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से गदेरा उफान पर आ गया। इससे कई दुकानें और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। शाम करीब पांच
बजे दशरथ आंचल पर्वत पर बादल फटा। इससे शांता गदेरा उफान पर आ गया। मलबा आने से देवप्रयाग मुख्य बाजार में भी दस दुकानों को नुकसान हुआ है। उधर, उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल होने लगा। इस वीडियो की सत्यता का पता किया तो पता चला कि वीडियो पुराना है। जो दूसरे जनपद का है।
वही, संगम बाजार का रास्ता भी बंद हो गया है। जनहानि की अभी कोई सूचना नहीं है। आइटीआइ भवन भी ढेर हो गया। गनीमत रही कि कोविड कर्फ्यू के चलते दुकानें बंद थी। इस कारण कोई जनहानि नहीं हुई। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। फिलहाल, एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल की तरफ बढ़ रही है। इससे पहले छह मई को बादल फटने से घनसाली और जाखणीधार ब्लॉक में काफी नुकसान हुआ था। कई हेक्टेयर जमीन तेज बहाव में बह गई, जबकि घनसाली बाजार में कई वाहन मलबे में दब गए। जंगलों में बादल फटने से स्थानीय नैलचामी गदेरे में जलस्तर बढ़ गया, जिससे ये नुकसान हुआ था।