इंतजार: प्रदेश में टीजीटी से हैडमास्टर प्रमोशन के लिए 23 हजार शिक्षक लाइन में, पद मात्र 923

संघ ने की सरकार से सरकार 1948 मिडल स्कूलों में हैडमास्टर के पद सृजित करने की मांग

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। हिमाचल में टीजीटी से हैडमास्टर पदोन्नति का चैनल वर्तमान में सबसे धीमा हो चुका है। 20 से 28 साल इंतजार पर भी टीजीटी को हैडमास्टर के पदों पर प्रमोशन नहीं मिल रही है। शिक्षक टीजीटी पद पर ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रदेश  में 923 हैडमास्टर पद के लिए 23 हजार शिक्षक प्रतीक्षा में खड़े हैं । इनमें 16,318 टीजीटी और 6,682 प्रमोटी प्रवक्ता शामिल हैं। ऐसे में प्रदेश के करीब तीन हजार टीजीटी लंबे अरसे से अपनी पहली प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। 

 

 

दूसरी ओर टीजीटी से प्रवक्ता प्रमोट हो चुके शिक्षक भी हैडमास्टर बन रहे हैं । ऐसे में राजकीय टीजीटी कला संघ ने 1948 मिडल स्कूलों में हैडमास्टर के पद सृजित करने की मांग उठाई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, महासचिव विजय हीर व समस्त कार्यकारिणी का कहना है कि इन मिडल स्कूलों में हैडमास्टर के पद सृजित होने से टीजीटी को प्रमोशन मिलेगी। शिक्षक नेताओं को कहना है कि देश के 7 राज्यों तमिलनाडू, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा व असम में यह व्यवस्था है।

 

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शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के मिडल स्कूलों में हैडमास्टर के पद सृजित करते हुए भरे जाने थे। 28 अगस्त 2017 को  शिक्षा सचिव व एसएसए के परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था।

 

मिडल स्कूलों के इंचार्ज पर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह

 

संघ के पदाधिकारियों ने  निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से आग्रह किया है कि मिडल स्कू लों में इंचार्ज को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए। क्या इंजार्च अपने स्कूल में मौजूद जूनियर स्टाफ को अवकाश स्वीकृत कर सकता है। इस पर भी स्थिति स्पष्ट की जाए। कई स्कू लों में इंचार्ज को अवकाश देने की आज्ञा डी. डी. ओ. देते हैं।