रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत, हिमाचल के विद्यार्थी फंसे, CM बोले केंद्र से की है बात

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शिमला: आज 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने भाषण के द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्यवाही करने की बात कही जिसके बाद भारी मात्रा में रूस की सैन्य शक्ति ने यूक्रेन पर गोलाबारी और मिसाइल दागने शुरू कर दिया। पिछले काफी समय से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए थे जो अब आरंभिक युद्ध में तब्दील हो चुके हैं।

यूक्रेन में भारतीय विद्यार्थी भारत की सबसे बड़ी चिंता

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू होने जा रहा यह युद्ध यूं तो पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है इससे ना केवल विश्व शांति व्यवस्था को आघात पहुंचा है अपितु जल्द ही इसका असर संपूर्ण विश्व की आर्थिकी पर भी देखने को मिलेगा स्टॉक मार्केट पतन की ओर जा रहा है तो वही तेल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के दमोह में जल्द ही इजाफा देखा जा सकता है मगर इन सबसे इतर भारत की समस्या यूक्रेन में फंसे भारत के 20000 से ज्यादा विद्यार्थी है इनमें ज्यादातर और विद्यार्थी हैं जो मेडिकल की परीक्षा के लिए बाहर गए हुए हैं हालांकि इन विद्यार्थियों की देश वापसी का अभियान शुरू हो चुका है मगर अभी भी बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं जो बाहर फंसे हुए हैं। तू ही सरकार की ओर से एयर इंडिया की फ्लाइट से विद्यार्थियों को एअरलिफ्ट करने का काम शुरू कर चुकी है।

हिमाचल के कई विद्यार्थी भी यूक्रेन में मुख्यमंत्री बोले विदेश मंत्रालय से की है बात

हिमाचल के लिए चिंता का विषय यह है कि हिमाचल के कई विद्यार्थी ऐसे हैं जो यूक्रेन में है। क्रेन के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि उन्हें सरकार ने विदेश मंत्रालय से बात कर ली है और जल्द ही इन  विद्यार्थियों को स्वदेश लाने का प्रबंध किया जाएगा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यूक्रेन में फंसे बच्चों से आग्रह है कि चिंता न करें और संबंधित एडवाइजरी का पालन करें। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभावकों से मैं यह कहना चाहूंगा कि आपके बच्चे हिमाचल के बच्चे हैं, इनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए चिंता न करें शीघ्र ही उचित समाधान निकाला जाएगा।

खैर रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हो चुका है ऐसे में अब इन बच्चों को वापस लाना देश की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और ऐसे में हिमाचल से बच्चे ऐसे हैं जो यूक्रेन में रहते हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार जल्द से जल्द इन बच्चों को स्वदेश ला सके।