आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में जारी एक बयान में राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन” का दावा करने वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश की व्यवस्थाओं को पूरी तरह उलट-पलट कर रख दिया है। आज प्रदेश का हर वर्ग या तो सड़कों पर है या फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी में है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के पेंशनर्स लगातार अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को सुलझाने के बजाय इधर-उधर की बातें कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पेंशनर्स के मेडिकल बिल और एरियर का भुगतान लंबित है, बुढ़ापे में यदि विभाग इलाज और पेंशन नहीं देगा तो कौन देगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपनी पूरी ज़िंदगी परिवहन निगम को दी, और आज वही सड़कों पर हैं और पेंशन व दवाइयों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार का प्रचार तंत्र भले ही करोड़ों की कमाई के दावे करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उन्होंने परिवहन निगम में आए दिन हो रही तकनीकी खराबियों, दुर्घटनाओं और कुप्रबंधन को लेकर भी सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के बाद से बंद रूट आज भी चालू नहीं हो पाए हैं। बसों की हालत दयनीय है, टायर फटना, ब्रेक फेल होना और स्टेयरिंग खराब होना आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को भाषण नहीं, बेहतर प्रबंधन और सुरक्षित परिवहन चाहिए।
इसी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 35,000 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ और 24,000 करोड़ रुपये की ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ का जयराम ठाकुर ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह केवल दाल उत्पादन बढ़ाने की योजना नहीं, बल्कि यह अभियान किसानों और आने वाली पीढ़ियों को सशक्त बनाने का भी माध्यम है। उन्होंने बताया कि ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ का उद्देश्य सिंचाई सुविधा बढ़ाना, फसल उत्पादकता को बढ़ावा देना और किसानों को आसान ऋण उपलब्ध कराना है। देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को इस योजना से जोड़ा गया है, जिसमें हिमाचल का बिलासपुर जिला भी शामिल है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक इन जिलों को राष्ट्रीय औसत तक लाया जाए। योजना के तहत करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने का अनुमान है, जिससे इसकी व्यापकता और प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।