आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर देशभर में एक लाख कार्यस्थलों पर मजदूरों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किये गए। हिमाचल प्रदेश के ग्यारह जिलों में भी सैंकड़ों कार्यस्थलों पर मजदूरों ने रैली,धरने व प्रदर्शन किए। ये प्रदर्शन शिमला,रामपुर,रोहड़ू,सोलन,दाड़लाघाट,बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र,नाहन,ऊना,गगरेट,हमीरपुर,सुजानपुर,बड़सर,नादौन,भोरंज,धर्मशाला,बैजनाथ,चम्बा,होली,बजोली,मंडी,धर्मपुर,हणोगी,निहरी,कुल्लू,बंजार,आनी,टापरी में किये गए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ,न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये घोषित करने,आंगनबाड़ी,मिड डे मील व आशा वर्करज़ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने,फिक्स टर्म,ठेका,पार्ट टाइम,टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाने,आठ के बजाए बारह घण्टे डयूटी करने के खिलाफ,कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी,भारी बेरोजगारी,हर आयकर मुक्त परिवार को 7500 रुपये की आर्थिक मदद,हर व्यक्ति को दस किलो राशन की सुविधा,मजदूरों के वेतन में कटौती,ईपीएफ व ईएसआई की राशि में कटौती,किसान विरोधी तीन कानूनों व बिजली विधेयक 2020 के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के मजदूर सड़कों पर उतरे।
उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में मजदूरों व किसानों के इन मुद्दों पर प्रदेशभर में फैक्टरी,उद्योग,एसटीपी,होटल,रेहड़ी फड़ी,आंगनबाड़ी,मिड डे मील,ट्रांसपोर्ट,हाइडल प्रोजेकटों,स्वास्थ्य,बिजली आदि से सम्बंधित सैंकड़ों कार्यस्थलों पर जोरदार प्रदर्शन किए गए। इसी कड़ी में आंदोलन को तेज करते हुए 7-8 जनवरी 2020 को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर जेल भरो,चक्का जाम व गिरफ्तारियों के कार्यक्रम किये जाएंगे। आंदोलन के अगले चरण में 24 से 31 जनवरी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में जत्थे चलाकर केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। इस दौरान शिमला,कुल्लू व हमीरपुर से विभिन्न जिलों के लिए तीन जत्थे चलाए जाएंगे। विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर मजदूरों का विराट प्रदर्शन होगा जिसमें हजारों मजदूर विधानसभा पर हल्ला बोलेंगे व सरकार को मजदूर मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा।