पिछले छह महीनों में केवल शिमला जिला में ही नशे के 400 मामले हुए दर्ज, 300 से अधिक गिरफ्तार 

हिमाचल में खुलेंगे दो नशा मुक्ति सह-पुनर्वास केंद्र , सरकार देगी पर्याप्त धनराशि

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‘नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर समारोह आयोजित करते मुख्यमंत्री
‘नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर समारोह आयोजित करते मुख्यमंत्री

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

 

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  ‘नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के समीप नशीले पदार्थों की बिक्री निषेध है। अवैध रूप से युवाओं को नशीले पदार्थ उपलब्ध करवाने के मामलों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में केवल शिमला जिला में ही 400 मामले दर्ज किए गए और 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

 

 

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प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग के साथ नशीले पदार्थों के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। नशीले पदार्थों के तस्करों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नारकोटिक्स अधिनियम में संशोधन की मांग करते हुए प्रदेश विधानसभा सेएक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

 

इसके अलावा, सरकार राज्य में दो नशा मुक्ति सह-पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें से एक केंद्र के निर्माण के लिए शिमला के निकट 50 बीघा भूमि चिन्हित की गई है। सरकार द्वारा दोनों केंद्रों की स्थापना के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नशे के विरूद्ध लड़ाई में जन सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि लोग नशीले पदार्थों के तस्करों के बारे में पुलिस को जानकारी प्रदान करें, ताकि उन्हें समय पर पकड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि समाज से नशे को उखाड़ फैंकने के लिए स्वयंसेवी संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में नशे के विरूद्ध लड़ाई में सराहनीय कार्य के लिए विभिन्न संस्थानों और विभागों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिला कांगड़ा, मंडी और ऊना के उपायुक्तों को उनके संबंधित जिलों में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए पुरस्कृत किया गया। इसी तरह राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज निदेशक, महिला एवं बाल विकास निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं और उच्च शिक्षा निदेशक को भी नशे के विरूद्ध छेड़े गए अभियान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। गैर सरकारी संगठनों में गुंजन संस्था धर्मशाला, मानव कल्याण समिति चौपाल और जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कुल्लू को नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया।

 

वहीं सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने नशे की बुराईयों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नशे की लत के गंभीर शारीरिक और मानसिक परिणाम होते हैं, जिसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। उन्होंने नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद के महत्त्व पर बल दिया।