पशु पालन मंत्री ने की डेयरी प्रशिक्षण प्राप्त कर वित्तीय सहायता योजनाओं का लाभ लेने की अपील
चार हफ़्ते का डेयरी उद्यम प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 फरवरी से होगा शुरू
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब के पशु पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज बताया कि डेयरी विकास विभाग द्वारा करवाए जाने वाले डेयरी उद्यम प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत इस वर्ष अब तक 6116 किसानों ने एडवांस डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के 9 डेयरी प्रशिक्षण और विस्तार केन्द्रों के द्वारा ग्रामीण नौजवानों को डेयरी के पेशे के माध्यम से स्व-रोजग़ार के काबिल बनाने के लिए चार हफ़्ते का डेयरी उद्यम प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 फरवरी से शुरू किया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि डेयरी फ़ार्मरों को कुशल डेयरी प्रबंधक बनाने के लिए यह कार्यक्रम चतामली (ज़िला रोपड़), बीजा (ज़िला लुधियाना), गिल (ज़िला मोगा), फगवाड़ा (ज़िला जालंधर), अबुल खुराना (ज़िला श्री मुक्तसर साहिब), वेरका (ज़िला अमृतसर), तरन तारन, सरदूलगढ़ (ज़िला मानसा) और संगरूर स्थित डेयरी प्रशिक्षण और विस्तार केन्द्रों में शुरू होगा, जिसमें मौजूदा डेयरी फार्मिंग को समय का साथी बनाकर वैज्ञानिक तरीके से चलाने के लिए एडवांस प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि इच्छुक डेयरी फार्मर कम से कम दसवीं पास हो, ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो, उसकी उम्र 18 से 45 साल के दरमियान हो, उसके घर में 10 दुधारू पशु रखे हों और हरे चारे की बीजाई के लिए ज़मीन का प्रबंध हो, वह 13 फरवरी, 2023 को अपना दसवीं का सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और पासपोर्ट साईज़ फोटो लेकर विभाग के नज़दीकी डेयरी प्रशिक्षण और विस्तार केंद्र में काऊंसलिंग के लिए पहुँच सकता है या सम्बन्धित डिप्टी डायरैक्टर डेयरी से संपर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी प्रौस्पैक्टस ज़िले के डिप्टी डायरैक्टर डेयरी दफ़्तरों से प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रशिक्षण में दुधारू पशुओं की खरीद से लेकर रख-रखाव, ख़ुराक, नसल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान, गर्भाधान चैक करने, साल भर हरा चारा पैदा करने, दूग्ध पदार्थ बनाने, पशुओं की मौसमी बीमारियाँ, घरेलू पशु फीड तैयार करने और सुचारू मंडीकरण आदि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इन 9 डेयरी प्रशिक्षण और विस्तार केन्द्रों में हर साल ‘‘दो हफ़्ते के प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ के अंतर्गत 6600 किसानों/नौजवानों और ‘‘4 हफ़्ते के डेयरी उद्यम प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ के अंतर्गत 1000 किसानों/नौजवानों को एडवांस प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है और अब तक दोनों कार्यक्रमों के 21 बैच लगाए जा चुके हैं, जिनमें करीब 6116 किसान यह प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
प्रशिक्षण के उपरांत किसान ले सकते हैं वित्तीय योजनाओं का लाभ
कैबिनेट मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि डेयरी उद्यम प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले किसानों को नया डेयरी यूनिट स्थापित करने और ज़रूरी मशीनें खऱीदने के लिए विभाग की योजना के अधीन वित्तीय सहायता दी जाती है।
किसानों और दूध उत्पादकों को किसानी के साथ-साथ कृषि के सहायक पेशे अपनाने की अपील करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा गुणवत्ता भरपूर दूध उत्पादन के लिए प्रशिक्षण देने और डेयरी का पेशा शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। नया डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए 2 से 20 दुधारू पशुओं की खरीद के लिए जनरल वर्ग को 17,500 रुपए प्रति पशु और अनुसूचित जाति के लाभार्थी को 23,100 रुपए प्रति पशु वित्तीय सहायता दी जा रही है।
इसी तरह दूध उत्पादकों को साफ़ दूध पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु डबल टीट कप मिल्किंग मशीन पर 50 प्रतिशत (अधिक से अधिक 24,366 रुपए) सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा हरे चारे की गाँठें बनाने वाली मशीन पर 5.60 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। दूध उत्पादक/किसान अतिरिक्त हरे चारे वाले महीनों के दौरान हरे चारे से साइलेज या आचार बनाकर, चारे की कमी वाले महीनों के दौरान इन गाँठों को बेच सकते हैं। हरे चारे के आचार की गाँठों को पंजाब के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी भेजकर लाभ कमाया जा सकता है। इस तरह छोटे और शहरी डेयरी फ़ार्मरों को वाजिब कीमत पर सारा साल संतुलित पशु ख़ुराक उपलब्ध हो सकती है और नौजवानों को रोजगार हासिल होगा।
उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0172- 5027285 पर संपर्क किया जा सकता है।