आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने विभाग को विशेष रूप से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत नई सड़क परियोजनाओं में सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए। इससे यात्रियों के समय और धन की बचत भी होगी। उन्होंने राज्य में रोपवे के निर्माण पर भी बल दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के लिए 422 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की 45 सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृत की जा चुकी है। इनमें से 44 सड़कों के टेंडर पहले ही दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 2662 करोड़ रुपये की लागत की 256 और सड़कों की डीपीआर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 644 किलोमीटर सड़कें एफडीआर तकनीक से निर्मित की जाएंगी और 499 किलोमीटर सड़कें सीमेंट सब-बेस तकनीक से निर्मित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 14 पुलों का निर्माण भी केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए लंबित है।
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधोसंरचना विकास में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 के तहत लंबित 173 सड़क परियोजनाओं और दूसरे चरण में 17 सड़क परियोजनाओं को इसी वर्ष पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सड़क रखरखाव योजना के लिए इस वर्ष 40 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सड़क अधोसंरचना कोष (सीआरआईएफ) के तहत 248 करोड़ रुपये लागत की चार सड़कों की डीपीआर केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी हैं, जबकि पांच अतिरिक्त सड़कों की डीपीआर का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के गठन के उपरांत अब तक राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत 336 करोड़ रुपये की लागत की 62 सड़कों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिमला शहर के सर्कुलर रोड पर भीड़भाड़ कम करने के लिए 97 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है जिससे स्थानीय जनता और पर्यटकों को बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। बैठक के दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सभी विभागीय कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया और पिछले लगभग छह महीनों के दौरान विभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सलाहकार (बुनियादी ढांचा) अनिल कपिल, योजना सलाहकार डॉ. बसु सूद सहित लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी यहां बैठक में उपस्थित थे तथा उपायुक्त एवं लोक निर्माण विभाग के अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े थे।