अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला रामपुर बुशहर — 2025 में उद्यान विभाग की आकर्षक प्रदर्शनी केंद्र में रही चर्चा का विषय

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला, रामपुर बुशहर का आयोजन इस वर्ष 11 से 14 नवम्बर 2025 तक भव्य रूप से किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक मेला वर्षों से एक व्यापारिक एवं सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता आ रहा है।

 

इस मेले में जहां तिब्बत और किन्नौर के व्यापारी अपने विशिष्ट उत्पादों, ड्राई फ्रूट्स, देवी-देवताओं के वाद्य यंत्रों और पारंपरिक वस्तुओं का व्यापार करते हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभाग अपनी-अपनी गतिविधियों की सूचनात्मक एवं आकर्षक प्रदर्शनी लगाते हैं।

 

मेले की परंपरा के अनुसार, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी को 14 नवम्बर को मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा लाखों दर्शकों की उपस्थिति में पुरस्कृत किया जाता है, जिससे प्रत्येक विभाग अपनी प्रदर्शनी को उत्कृष्ट रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।

 

इस वर्ष उपनिदेशक उद्यान विभाग, जिला शिमला, डॉ. सुदर्शना नेगी के मार्गदर्शन में तथा विषय विशेषज्ञ (उद्यान) रामपुर, डॉ. संजय कुमार चौहान एवं उनकी टीम के नेतृत्व में उद्यान विभाग, रामपुर द्वारा विभागीय योजनाओं, फलों की विभिन्न प्रजातियों तथा आधुनिक बागवानी तकनीकों की सुव्यवस्थित एवं आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई है।

 

इस प्रदर्शनी की विशेषता यह है कि यह हिमाचल प्रदेश का पहला विभाग है जहाँ योजनाओं की जानकारी एवं लाभ डिजिटल माध्यम से घर बैठे प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए e-Udyan पोर्टल को प्रदर्शनी में प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, विशेष रूप से विकसित QR स्कैनर सिस्टम लगाया गया है, जिसके माध्यम से बागवान मोबाइल स्कैन कर सीधे योजनाओं, प्रशिक्षणों, एवं विभागीय सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

उद्यान विभाग रामपुर ने इस बार “सीखो और साझा करो” (Scan & Share Experience) की अनूठी पहल शुरू की है, जिसमें आगंतुक अपने सीख और अनुभव सीधे स्कैनर के माध्यम से साझा कर सकते हैं।
डॉ. सुदर्शना नेगी, उपनिदेशक उद्यान विभाग, जिला शिमला ने कहा कि —

> “मोबाइल की दुनिया में उद्यान विभाग, जिला शिमला तकनीकी रूप से अग्रणी बनकर किसानों और बागवानों तक योजनाओं की जानकारी सरल, सुलभ और पारदर्शी तरीके से पहुँचा रहा है। रामपुर मेला में लगाई गई यह प्रदर्शनी इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के प्रयास विभाग और जनता के बीच संवाद को सशक्त बनाते हैं तथा किसानों को योजनाओं से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।