बसें खड़ी करना सरकार के फैसले का विरोध नही, बल्कि खर्च तक न निकाल पाने की मजबूरी: रमेश कमल

जनता समझें हमारी मजबूरी, चालक-परिचालकों का रोजगार सुरक्षित रखने में किराया बढ़ोतरी जरूरी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्राइवेट बस ऑपरेटर संघ हिमाचल के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि हमारा सरकार से न कोई विरोध है और न ही किसी प्रकार का कोई आंदोलन सरकार के खिलाफ है। बसें खड़ी करना सरकार के फैसले का विरोध नही, बल्कि खर्च तक न निकाल पाने की मजबूरी है। पिछले दिनों सरकार ने 60 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ बसें चलाने की परमिशन दी थी। इसमे प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को अपना खर्च तक निकाल पाना संभव नही हो पा रहा था। ऐसे मेंं बसेे खड़ी करना मजबूरी थी।
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रमेश कमल ने कहा कि सरकार की सौ प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने को लेकर जारी अधिसूचना के बाद अब हिमाचल निजी बस ऑपरेटर्स संघ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक आयोजित करेगी, जिसमे आगामी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले अधिसूचना में नियम व शर्तों पर चर्चा होगी।
किराया बढ़ाने पर आम लोगों पर पड़ने वाले अतिरिक्त वितीय बोझ पर रमेश कमल ने कहा कि आज सरकार ने हर सेवा के दाम बढ़ा दिये हैं। ऐसे मे जनता को हमारी मजबूरी भी समझना होगा। ये जनता के साथ एक तरह से हमारा समझौता होगा जो वे इस कोविड काल मे हमारा साथ देंगे। किराया बढ़ने से हम रोजी रोटी कमा सकेंगे जबकि चालकों व परिचालकों का रोजगार भी सुरक्षित रह सकता है।
 
 
 

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