आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। भारत के स्वदेशी ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस फ्लिपकार्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके अंतर्गत स्थानीय कला, शिल्पकला और हैंडलूम क्षेत्र को ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जगह देकर उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन पर आज एक वर्चुअल समारोह में हशमत अली यॉतो, मैनेजिंग डायरेक्टर , जे एंड के हैंडलूम्स एंड हैंडीक्राफ्ट कॉपार्रेशन तथा रजनीश कुमार चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर्स फ्लिपकार्ट ग्रुप ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मनोज सिन्हा, माननीय उप राज्यपाल जम्मू-कश्मीर के के शर्मा सलाहकार उप राज्यमपाल जम्मू-कश्मीर बी. वी.आर. सुब्रमण्यम आईएएस मुख़्य सचिव जम्मू-कश्मीर तथा मनोज कुमार द्विवेदी आईएएस कमिश्नर सेक्रेटरी गवर्नमेंट इंडस्ट्रीज़ एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट भी उपस्थित थे।
इस वर्चुअल समारोह में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के कारीगर और बुनकर भी मौजूद थे जो इस पहल के चलते ई.कॉमर्स से लाभ कमाने को उत्सुकक हैं। फ्लिपकार्ट के समर्थ कार्यक्रम के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन के साथ हुए समझौते से जम्मू और कश्मीर के स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को अपने खास उत्पादों को देश भर के लाखों ग्राहकों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा। दोनों ही पक्ष समाज के इन पिछड़े तबकों के लिए कारोबार बढ़ाने और कारोबार में शामिल होने के मौके तलाशने की ओर ध्यान करेंगे जिससे मेड इन इंडिया प्रयासों को भी गति मिलेगी। इस एमओयू के अंतर्गत स्थानीय सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे बड़े कारीगरों और बुनकरों के अलावा फ्लिपकार्ट जम्मू-कश्मीर की बेहतरीन स्थानीय शिल्पकला और हैंडलूम उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को अपने साथ जोड़ेगा। इस प्रयास के अंतर्गत फ्लिपकार्ट समर्थ हैंडलूम और शिल्पकला क्षेत्र के लिए रोजगार के मौके बढ़ाने और इस समुदाय की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में काम कर रहा है।
रजनीश कुमार, चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर फ्लिपकार्ट ग्रुप ने कहा हम जम्मू – कश्मीर की स्थानीय विरासत को अपने प्लेटफॉर्म पर पेश करने के लिए जेएंडके हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन के साथ हाथ मिलाने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। केंद्र शासित प्रदेश का शिल्प और हैंडलूम पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। इस समझौते के माध्यम से ई.कॉमर्स एक ऐसे प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा जिससे कारीगर और बुनकर समुदाय को पूरे देश तक पहुंचने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इस एमओयू से हज़ारों कलाकारों को ई.कॉमर्स का लाभ लेने और अपने कारोबार का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
मनोज सिन्हा माननीय उप राज्यइपाल जम्मू-कश्मीवरने कहा यह जम्मू -कश्मीर के कारीगरों तथा बुनकरों के लिए ऐतिहासिक दिन है और इस भागीदारी से न सिर्फ ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि यह इस केंद्र शासित प्रदेश के हस्तशिल्पों और हथकरघा निर्मित कलात्मयक वस्तुओ को भी बढ़ावा देगी जो कि पहले से ही विश्व विख्यात और देशभर के बाज़ारों में लोकप्रिय हैं।
इस एमओयू के बारे में हशमत अली यॉतो प्रबंध निदेशक जेएंडके हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन ने कहा जम्मू – कश्मीर हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन को फ्लिपकार्ट इंडिया के साथ एमओयू करने की खुशी है जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू.कश्मीर के कुशल कारीगरों, शिल्पकारों और महिलाओं की विश्वविख्यात कलाकृतियों के लिए नई कारोबारी संभावनाएं खुल जाएंगी। इससे लाखों कारीगरों, बुनकरों को फायदा होगा और इसके परिणाम स्वरूप हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम उद्योग को ताकत देने और काफी हद तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।
पिछले छह महीने में ई.कॉमर्स उपभोक्ताओं और स्थानीय एमएसएमई को जोड़ने के लिए पसंदीदा माध्यम के तौर पर उभरा है। आज फ्लिपकार्ट के साथ बड़ी संख्या में विक्रेता जुड़े हुए हैं। कंपनी सिर्फ उत्तर भारत में लगभग 85000 विक्रेताओं और छोटे कारोबारों के साथ मिलकर काम कर रही है और उनकी वृद्धि को गति देने व आगामी त्योहारों के सीज़न के लिए तैयार कर रही है। इसके अलावा हाल ही में एक साल पूरा कर चुके फ्लिपकार्ट समर्थ ने अपने लाभों को बेहतर बनाया है जिसमें पहले छह महीनों के दौरान कमीशन माफ करना भी शामिल है।
इन फायदों से नए जुड़े कारीगरों,बुनकरों और शिल्पकारों को ऑनलाइन अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। फ्लिपकार्ट समर्थ आज पूरे भारत में 650000 से ज्यादा कारीगरों, बुनकरों और छोटी इकाइयों को जीवनयापन करने में मदद कर रहा है। यह बड़ी संख्या में ग्रामीण उद्यमियों तक पहुंचने के लिए जाने.माने एनजीओ, सरकारी संस्थाओं और आजीविका मिशन के साथ मिलकर काम करता है। इसमें खास ध्यान महिलाओं के उद्यमों, विकलांग उद्यमियों, कारीगरों और बुनकरों तक पहुंचने पर होता है जिन्हें आम तौर पर कार्यशील पूंजी की कमी, खराब बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण की कमी जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। फ्लिपकार्ट ने इन गड़बड़ियों और इन समूहों की महत्वाकांक्षा को समझा है और फ्लिपकार्ट समर्थ की शुरुआत की है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके और उनके लिए ऑनलाइन लिस्ट होना और सामान बेचना आसान हो सके।