हिमाचल में आया ब्लैक फंगस का पहला मामला, आईजीएमसी में हमीरपुर की महिला उपचाराधीन, जानिए लक्षण और बचाव…  

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ब्लैक फंगस का शिकार महिला को नेरचौक से रेफर किया आईजीएमसी
ब्लैक फंगस का शिकार महिला को नेरचौक से रेफर किया आईजीएमसी
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला।  भारत में ब्लैक फंगस तेजी से बढ़ता जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, बीमारी इतनी खतरनाक है कि इससे जान तक जा सकती हैं, हालांकि शुरुआती जांच में पता चलने पर इस पर काबू पाया जा सकता है। ब्लैक फंगस अब हिमाचल में भी दस्तक दे चुकी है। वीरवार को नेर चौक मंडी मेडिकल कॉलेज से एक ब्लैक फ़ंगस के मरीज को रेफ़र किया गया है। यह महिला हमीरपुर के खागर क्षेत्र से हैं और शुगर एवं बीपी की प्रॉब्लम भी है। इनके नाक के पास ब्लैक फ़ंगस है। ब्लैक फंगस का हिमाचल में ये पहला मामला है।
आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. जनकराज ने जानतकारी देते हुए बताया कि ये महिला चार मई को कोरोना पॉज़िटिव आयीं थीं और बाद में आठ मई को साँस को तकलीफ़ ले चलते हमीरपुर से इन्हें नेरचौक हमीरपुर से रेफ़र किया गया। फिलहाल मरीज़ की हालत स्थिर है और आईजीएमसी में उपचारधीन हैं।

 

ब्लैक फंगस शरीर में कैसे पहुंचता?

सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अगर शरीर में किसी तरह का कटा फटा है या घाव हो तो वहां से भी ये इंफेक्शन शरीर में फैल सकता है। अगर इसे शुरुआती दौर में पहचान नहीं की गई, तो जानलेवा साबित भी हो सकती है। आखों की रोशनी जा सकती है।

लक्षण होने पर क्या करें

शरीर में अगर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराएं और डॉक्टरों की सलाह के हिसाब से दवा लें। दुकानदार से पूछकर इसकी दवा कतई ना खाएं। इससे इसके कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं।

फंगस के लक्षण क्या हैं?

शरीर में अगर इंफेक्शन हैं तो चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना, जो बहुत ही तेजी से गंभीर हो जाते हैं।

 ये इंफेक्शन किन लोगों को होता है?

ये उन लोगों को होता है जो डायबिटिक हैं, जिन्हें कैंसर है, जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, जो लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे हों, जिन्हें कोई स्किन इंजरी हो, प्रिमेच्योर बेबी को भी ये हो सकता है। जिन लोगों को कोरोना हो रहा है, उनका भी इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना हो जाता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाती है।

इससे कैसे बचें?
निर्माणाधीन कार्य स्थल और धूल वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए। साथ ही बेवजह घर से बाहर निकलने से बचें। जरूरी काम होने पर मास्क और चश्मा लगाकर ही बाहर निकले।