आदर्श हिमाचल ब्यूरो
पांवटा साहिब। पांवटा की दवा निर्माता कंपनी यूनिकॉर्न फार्मा में छापामारी कर दवाओं की बड़ी खेप कब्जे में लेने व कंपनी मालिक मोहनीश मोहन को गिरफ्तार करने के मामले को लेकर उनकी पत्नी अर्पिता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उचित जांच की मांग की हैं।
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पांवटा में आयोजित पत्रकार वार्ता में अर्पिता ने बताया कि यूनिकॉर्न दवा कंपनी के मामले में हिमाचल प्रदेश व पंजाब पुलिस का रवैया अन्याय पूर्ण रहा है। मामला दूसरे राज्य से जुड़ा है इसलिए हिमाचल सरकार को आगे आना चाहिए। ताकि हिमाचल के कोई भी नागरिक बाहरी राज्य में प्रताड़ित न हो सके।
अर्पिता का कहना है कि पंजाब पुलिस जबसे उनके पति को उठा ले गई हैं, तब से उन्हें मिलने भी नहीं दिया गया हैं। पंजाब पुलिस द्वारा मोहनीश मोहन को कोरोना पॉज़िटिव बोला जा रहा हैं। वह पहले ही गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में उन्हें किस हालात में रखा जा रहा है वह सिर्फ पंजाब पुलिस जानती हैं।
उन्हें यह भी भय सत्ता रहा है कि उनके पति के साथ कुछ गलत न हो जाये, या उन्हें इस समय उचित देख रेख के साथ अच्छा उपचार न मिले। ऐसे में उन्होंने हिमाचल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मीडिया के माध्य्म से अपील की हैं कि वह यथाशीघ्र उचित कदम उठाए व उनके पति मोहनीश मोहन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि कंपनी के पास इन दवाओं के निर्माण के लिए प्रदेश ड्रग अथॉरिटी की तरफ से लाइसेंस मौजूद है। जबकि वह आगे जिस मानसी मेडिकोज कंपनी को दवा सप्लाई कर रहे थे उनके पास भी ड्रग अथॉरिटी लाइसेंस मौजूद हैं। छापामारी के दौरान खुद अतिरिक्त दवा नियंत्रक सन्नी कौशल ने इन सब बातो की तस्दीक की हैं।
लेकिन पंजाब पुलिस ने इसे नही माना और वह अनाधिकृत रूप से कारवाई करते हुए दवाओं को सीज कर साथ ले गए। जबकि यहां कि स्थानीय पुलिस ने बचाव की जगह उलटे उन्हें कंपनी गेट से अंदर नहीं जाने दिया। स्थानीय पुलिस का रवैया भी उनके मामले में नकारात्मक रहा हैं। उन्होंने हिमाचल पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आईपीसी धारा 420 को लेकर भी जवाब मांगा हैं।
उन्होंने अब हिमाचल सरकार व उच्च न्यायालय पर विश्वास जताया हैं। जिसके चलते अब हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। जिसमें उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव व पुलिस महानिदेशक पंजाब व हिमाचल से जवाब तलब किया है। जिसकी सुनवाई आगामी 14 जून को होनी है।
गौरतलब हो कि पांवटा शहर के देवी नगर में यूनीक फॉर्मूलेशन दवा कंपनी के प्रबंधक को गत दिनों पंजाब पुलिस गिरफ्तार कर साथ ले गई थी। वहीं कथित तौर पर 15 करोड़ के कीमत की लगभग 30 लाख कैप्सुल व टैबलेट जब्त किए गए हैं।
सनद रहे कि बीते 18 मई को अमृतसर में 50,000 नशे के कैप्सूल के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि यह कैप्सूल मानसी मेडिकोज द्वारा आगे जिसे सप्लाई किया गया था, उनसे बरामद हुए हैं।
मामला पंजाब के फत्तेवाल पुलिस स्टेशन में FIR संख्या 51/ 2021 दर्ज किया गया था। पूछताछ में पता चला कि दर्द के लिए बनी दवा जिसका इस्तेमाल पंजाब में नशे के तौर पर किया जाता है वह पांवटा साहिब में तैयार हुई थी।