आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। क्यारकोटी से शिमला के लिए सुबह 9 बजे चलने वाली बस न आने से चैड़ी बस के ओवरलोड होने पर बस चालक और परिचालक ने बस रोककर सवारियों को उतार दिया। जिसके बाद काफी गहमागहमी के बाद ही बस चल पायी। बस के चालक और परिचालक कोरोना के समय में इतनी भारी भीड़ को ले जाने का रिस्क नहीं लेना चाहते थे।
वहीं लोगों का कहना था कि एक ही बस होने के कारण वह 20 किलोमीटर का सफर पैदल नही कर सकते। ऐसे में गतिरोध की स्थिति बन गयी। मौके से अनेक लोगों ने क्षेत्रीय प्रबंधक से भी फोन पर बातचीत करने की कोशिशें की लेकिन उनसे उनका संपर्क नहीं हो पाया। परिचालक ने बताया कि एक ही बस चलने लोगांे को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिक सवारियों के होने के बावजूद भी क्यारकोटी बस का न भेजना उनके लिए मुसीबत का कारण बन गया है। उनका कहना था कि एक ओर जहां लोग देश और प्रदेश में कोरोना की चुनौती से जूझ रहे हैं वहीं बस की सवारियों को बस में न आने से कैसे रोके। स्थानीय लोगों ने एचआरटीसी की कार्यप्रणाली पर तीखे सवाल पूछे हैं। उनका कहना है कि जहां पर सवारियां कम है वहां पर भी बसें चल रही है लेकिन इस क्षेत्र की हमेशा से उपेक्षा होती रही है। लोगों का कहना है कि यहां पर छोटे से लेकर उच्च जनप्रतिनिधित्व समस्या पर मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है।
क्या बोले लोग-
स्थानीय निवासी रतिराम ने बताया कि क्यारकोटी के लिए चैड़ी बस भेजी जा रही है वह क्यारकोटी स्टेशन पर ही भर जाती है। जिस कारण अगले स्टेशनों पर सवारियां खड़ी ही रह जाती है।
मदन लाल ने बताया कि हमको बस की बड़ी समस्या आ रही है।
एक ही बस आती है जोकि क्यारकोटी तक जाती है जिसमें खड़े होने के लिए भी जगह नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि हमने स्थानीय प्रतिनिधियों से बात की है लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा है। ऐसे में बस को जल्द से जल्द लगाया जाये।
टेकराम ने बताया कि एक नीली बस में 95 से अधिक सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी रहती है। कोरोना में बंद हुई बस को अबतक नहीं चलाया गया है ऐसे में उनको अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड सदस्य अनू ने बताया कि जल्द ही बस की समस्या के लिए पंचायत द्वारा प्रयास किये जायेंगे।